Yashwant Singh : गरीब के हिस्से की योजनाएं और रकम की दिशा अपने पेट की तरफ मोड़कर अफसर और नेता इस कदर रकम पीट लेते हैं कि उनके देखने, सोचने, जीने का नजरिया व अंदाज ही बदल जाता है… अब देखिए ना, ये महोदय गरीब को खोज रहे हैं, क्योंकि इन्हें इस काम पर लगाया गया है…
और इनका माइंडसेट ये है कि गरीब उन्हीं की साइज का होगा, सो इन्हें दूर-दूर तक दिख नहीं रहा… इस कारण ये तकनीकी यंत्रों के सहयोग से गरीब अनुसंधान कार्य कर रहे हैं.. और बेचारा गरीब है कि इनके पैरों के आसपास पड़े गिरे बचे जूठन को बीन पोंछ झाड़ कर जीने के लिए पेट भरने में जुटा है.. माई बाप हुजूर सरकार साहब सुब्बा कहते बोलते हुए.. ((मीतू का आभार, यह कार्टून मुझ तक पहुंचाने के लिए))
भड़ास के एडिटर यशवंत के फेसबुक वॉल से.