लीगल रिपोर्टिंग के मामलों में हड़बड़ी कभी-कभी भारी पड़ जाती है. ऐसा ही हुआ अंग्रेजी के जाने माने अखबार 'द हिंदू' के साथ. अखबार के सुप्रीम कोर्ट बीट को कवर करने वाले करेस्पांडेंट जे वेकंटेशन ने एक खबर प्रकाशित कर दी थी कि पाकिस्तानी नागरिक डा. मोहम्मद कलिल चिश्ती पर भारत सरकार ने दयालुता दिखाते हुए रिहा कर दिया तथा उन्हें पाकिस्तान भेज दिया.
असलियत यह थी कि सुप्रीम कोर्ट के सेम बेंच के सामने एक दूसरे पाकिस्तानी डेनियल जाफर का मामला आया था, जिसकी पत्रकार ने जांच करने की बजाय हड़बड़ी में डा. चिश्ती के रिहा होने की खबर प्रकाशित कर दी, जो अजमेर जेल में सजा काट रहे हैं. हिंदू में ये स्टोरी और सफाई उस समय आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट रिपोर्टिंग के दौरान तीन जाने माने वकीलों फली नरीमन, हरीश साल्वे और केके वेणुगोपाल से जानकारी प्राप्त करे.