महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था “जहां जब अत्याचार अन्याय और कदाचार देखो, तो दिलेरी के साथ सिर ऊंचा कर उसका प्रतिवाद करो…अत्याचार देख कर भी जो व्यक्ति उसका विरोध नहीं करता, वो अपनी इंसानियत को शर्मसार करता है…और जो शख़्स मानवता और सच्चाई की जंग लड़ते हुए ज़ख़्म खाता है, वो इंसानियत के उच्च शिखर पर प्रतिष्ठित होता है।” अरविंद केजरीवाल पर हो रहे हमलों से भाजपाई और बड़ी तादाद में कांग्रेसी भी बेहयाई के साथ हंस रहे हैं। तर्क है, कि जो जनता के साथ छल करेगा, उसके साथ ऐसा ही सुलूक होगा। कितनी हास्यप्रद बात है, तकरीबन साठ साल देश पर कांग्रेसियों ने शासन किया, छह साल भाजपाइयों ने और देश को धोखा दिया अरविंद केजरीवाल ने!!
आप केजरीवाल की ग़लतियां निकालिए। उन्हें बड़बोला कहिए। सियासत की छिछली डगर पर उनके कम अनुभव पर हंसिए। बावजूद इसके इस सड़े-गले और खोखले लोकतंत्र में वो उम्मीद की किरण ज़रूर हैं। विरोधाभासी अस्तित्व रखने वाले सियासी दल उनसे सबक ले सकते हैं। और वो सबक ले भी रहे हैं। कई दशकों के बाद एक नेता जनता के दिलों में उतरने को बेक़रार है। नफ़ासतें ग़ायब हो रही हैं। कारपोरेट की कठपुतलियां सादगी का चोला ओढ़ रही हैं। यही बदलाव है। प्रायोजित थप्पड़ों और घूंसों की सीरीज़ जारी रहने की उम्मीद रखिए…
शोऐब अहमद खान
एसो. सीनियर प्रोड्यूसर
साधना न्यूज