रविवार को 'मुंबई बंद' को लेकर फेसबुक पर कमेंट करने के लिए पुलिस ने दो लड़कियों शाहीन और रेणु को पकड़ लिया. 21 साल की शाहीन ने फेसबुक पर लिखा था- ठाकरे जैसे लोग रोज पैदा होते और मरते हैं. इसके लिए बंद करने की कोई जरूरत नहीं है. इस कमेंट को लाइक करने वाली एक लड़की रेणु को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए धर लिया. दोनों को आईपीसी की धारा 295 (ए) (धार्मिक भावनाएं भड़काना) और आईटी एक्ट, 2000 की धारा 64 (ए) के तहत पकड़ा गया था. 'मुंबई मिरर' अखबार के मुताबिक हालांकि लड़की ने अपना कमेंट डिलीट कर दिया था और माफी भी मांग ली थी.
इससे समझ में आता है कि अब सोशल मीडिया पर भी आप अपने दिल की बात, अपने विचार को खुलकर प्रकट नहीं कर सकते. सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सरकारें और पुलिस यहां भी डंडा घुसेड़ चुकी हैं. इसी कारण इस लड़की को एफबी पर सवाल लिखना महगा पड़ा. वजह यह कि अब यहां की सरकारें फेसबुक पर की जा रही टिप्पणियों पर गहरी नज़र रख रही हैं.
मुंबई में शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की मौत के बाद फेसबुक पर टिप्पणी एक लड़की को मंहगी पड़ी है. इस लड़की के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज़ किया है और उसे पूछताछ के लिए पुलिस थाने ले जाया गया है. बाल ठाकरे की मौत के बाद मुंबई शनिवार और रविवार को लगभग पूरी तरह बंद रहा था और सोशल मीडिया पर इस बारे में तरह तरह की टिप्पणियां लिखी जा रही थीं. इस लड़की ने अपने फेसबुक पर लिखा कि ठाकरे जैसे लोग हर दिन पैदा होते और मरते हैं और इस कारण मुंबई का बंद होना कहां तक उचित है. एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि लड़की को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
इस टिप्पणी को लाइक करने वाली एक अन्य लड़की को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. यह मामला मुंबई से सटे ठाणे ज़िले के पालघर का है. इस लड़की के खिलाफ़ धारा295ए के तहत मामला दर्ज़ किया गया है. यह धारा गलत मंशा से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ़ लगाई जाती है. इतना ही नहीं पुलिस ने इस बात की पुष्टि भी की है कि इस लड़की के चाचा की क्लिनिक को रविवार की रात नुकसान भी पहुंचाया गया है और इन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. हालांकि पुलिस ने ये नहीं बताया कि क्लिनिक पर हमला करने वाले लोग किस राजनीतिक दल के थे.