देवघर : यौन उत्पीड़न के आरोप में जिला सूचना व जन संपर्क पदाधिकारी जवाहर कुमार और जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को शनिवार की देर रात उनके सरकारी आवास से पकड़ा गया। आरोप है कि इन दोनों ने नौकरी का प्रलोभन देकर एक युवती का यौन शोषण किया। घटना के सिलसिले में नगर थाना कांड संख्या 150-13 भादवि धारा 376 बी (एनएंडडी) के तहत लोक सेवक द्वारा झांसा देकर सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया गया है। धारा के तहत आजीवन कारावास का प्रावधान है। युवती का 164 के तहत बयान दर्ज कराया जाएगा।
आरक्षी अधीक्षक सुबोध प्रसाद ने कहा कि लड़की ने आरोप लगाया है कि नौकरी के नाम पर अशोक प्रसाद एवं जवाहर कुमार ने एक वर्ष से अधिक समय तक उसका यौन शोषण किया। उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। अशोक कुमार तो चालक भेजकर उसे अपने सरकारी आवास पर बुला लेते थे और वहां उसके साथ गलत किया जाता था। इतना ही नहीं सूचना भवन कार्यालय व आदिवासी सहकारी विकास निगम लिमिटेड के निजामतहुसैन रोड स्थित सरकारी कार्यालय में भी उसका यौन शोषण किया गया। वह आदिवासी सहकारी विकास निगम लि. कार्यालय में 5 हजार की मानदेय पर कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर काम करती थी। यह कार्यालय बाद में दुमका शिफ्ट हो गया है। वहां आने-जाने के क्रम में सहकर्मी उसपर फब्तियां करते थे। परेशान होकर उसने नौकरी छोड़ दी। शादी 23 अप्रैल, 2012 को तय हुई व जून में गिरिडीह में शादी हुई, लेकिन इन दोनों के कारण उसे ससुराल से निकाल दिया गया। दोनों पदाधिकारी उसे व उसके परिवार को धमकी दे रहे थे।
एसपी ने कहा कि लड़की ने बताया है कि छह अप्रैल को पूरे परिवार ने परेशान होकर आत्महत्या करने का निर्णय लिया था। एसपी ने कहा कि लड़की को मनोरमा सिंह नामक एक महिला ने मिलाया था और उनकी भूमिका की भी जांच हो रही है। इस मामले में जो कोई भी शामिल होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। एसपी के मुताबिक लड़की की मां ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि जवाहर कुमार ने 15 हजार रुपये मदद की थी, जिसे बाद में लौटा दिया। मामले में एक पत्रकार द्वारा दोनों पदाधिकारियो को ब्लैकमेल करने का भी मामला प्रकाश में आया है। पूरे प्रकरण की सघन जांच की जा रही है। इसकी सूचना विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है।
इधर इस मामले के आरोपी जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सह प्रभारी एनडीसी जवाहर कुमार ने कहा कि उन्हें मामले में फंसाया गया है। साथ ही पत्रकार रंजीत वर्णवाल व सहदेव मंडल ने उनके खिलाफ साजिश रची। इन लोगों ने उन्हें ब्लैकमेल किया। पांच लाख का डिमांड भी किया गया। वहीं दूसरे आरोपी जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद ने कहा कि उनके खिलाफ लगाया गया आरोप गलत है। यह निराधार है और षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने भी ब्लैकमेल करने व पैसा मांगे जाने की बात कही। कहा कि कभी लड़की को अपने आवास पर नहीं बुलाया।
युवती ने आरक्षी अधीक्षक के नाम दिए गए आपने आवेदन में कहा है कि 17 मार्च 2011 में उसके साथ एक अनहोनी घटना हुई। उसे अशोक प्रसाद व जवाहर कुमार ने काम से सूचना भवन बुलाया। यहां वे कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे। उसे भी पीने को कहा। पहले उसने मना किया, लेकिन बाद में दबाव में पी ली। उसके बाद उसे होश नहीं रहा। बाद में उन दोनों ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। दोनों ने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो बदनाम कर देंगे। उसे नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाती थी। डर से वह चुप रही। आवेदन में कहा है कि इन दोनों पदाधिकारियों ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी। उसके पास मरने के अलावा और कोई चारा नहीं है। वह हर हाल में न्याय चाहती है। लड़की ने दोनों को फांसी की सजा देने की मांग की है। (जागरण)