Atul Agrawaal : शशि थरूर के ट्वीट को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उनकी बात का तो सम्मान होना चाहिए। उन्होने कहा, "दिल्ली गैंग-रेप की पीड़िता की मौत के बाद, बलात्कारियों के खिलाफ जो कड़ा कानून बनाया जा रहा है उसका नाम पीड़िता के नाम पर रखा जाना चाहिए, अगर उसके मां-बाप को ऐतराज़ ना हो तो।" (Unless her parents object, she should be honoured & the revised anti-rape law named after her. She was a human being w/a name, not just a symbol.)
इस बयान में क्या गलत है भई? अमेरिका, यूरोप समेत सभी विकसित देशों में ऐसा चलन है। थरूर ने कह दिया तो हंगामा क्यों मचाया जा रहा है? मीडिया का एक वर्ग भी इस पर स्यापा कर रहा है। आखिर क्यों, ये तो बताओ पहले? थरूर का अंग्रेजी का ट्वीट 2 – 3 बार पढ़िए मतलब समझ आ जाएगा… हद है भई।
समाचार प्लस चैनल के एंकर अतुल अग्रवाल के फेसबुक वॉल से.