चूरू : शहर के मॉडर्न शिक्षक प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय में शनिवार को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ राजस्थान की डॉक्यूमेंट्री फिल्में दिखाई गई। इस दौरान आईएफएफआर के डायरेक्टर भरत मुद्गल ने फिल्म निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
छात्राओं-अध्यापिकाओं के सवालों का जवाब देते हुए मुदगल ने बताया कि जब हम फिल्म देखते हैं तो उसमें काम करने वाले अभिनेताओं के बारे में ही ज्यादा जानते हैं लेकिन सैकड़ों लोगों की एक और टीम होती है, जो फिल्म निर्माण में पर्दे के पीछे काम करती है। उनमें से हर एक का अपना महत्व होता है और उसके बिना फिल्म पूर्णता प्राप्त नहीं कर सकती है।
आईएफएफआर के फाउंडर मुदित ने इस मौके पर बताया कि आज भारतीय फिल्में करोड़ों का व्यवसाय कर रही हैं और फिल्म निर्माण क्षेत्र में खूब संभावनाएं हैं लेकिन युवाओं को पूरी तैयारी के साथ इस फील्ड में आना चाहिए। उन्होंने फिल्म निर्माण में तकनीक के प्रयोग और महत्व के बारे में बताया।
इस दौरान छात्राओं-अध्यापिकाओं को ‘सेव वाटर’, ‘पामेस्ट्री’, ‘कारवां’, ‘ब्लैक आउट’, ‘302’, ‘निकेनिकम’, ‘साईकिल वाली’, ‘शॉर्ट-कट’, ‘एब एवं फ्लो’ सहित विभिन्न संदेशप्रद वृत्तचित्र दिखाए गए। इस मौके पर कॉलेज निदेशक महेंद्र सिंह शेखावत, प्राचार्य धर्माराम सहारण, प्रवक्ता हरदयाल सिंह, रमा चंदानी, माधुरी मिश्रा, लीला सहल, नीतू शेखावत, सुनीता, रामनिवास बिजारणियां सहित छात्राध्यापिकाएं एवं कॉलेज प्रवक्ता मौजूद थे।
प्रेस विज्ञप्ति