Sheetal P Singh : कल और आज दिल्ली की नब्ज़ लेने सड़क पर विचरण हुआ। कल वरिष्ठ शेष नारायण सिंह साथ थे। हम लोग मुस्लिम आबादी का रुझान देखना चाह रहे थे। शेष भाई उर्दू के जाने माने स्तंभकार हैं और अग्रज चंचल भाई की सोहबत और सेक्यूलर होने के नाते कांग्रेस को पसंद करते हैं। हाँ जब मैं सामने होता हूँ तो थोड़ी लिफ़्ट "आप" को भी मिल जाती है।
ख़ैर ओखला से जामा मस्जिद तक कई नुक्कडों और "क़ौम" की बस्तियों में पाया गया कि रुझान "आप" की तरफ़ है। सीलमपुर की ख़बर भी वही रही। अब ऐसी सूरत में दिल्ली में मुक़ाबला आप और बीजेपी के ही दरम्यान होगा। विधानसभा चुनावों में दिल्ली में कौम का वोट कांग्रेस को मिला था। आठ में से चार विधायक क़ौम से थे और लवली भी एकमुश्त मुस्लिम वोट पा के जीते थे।
इस नई सूरत में कांग्रेस का वोट फ़ीसद विधानसभा की तुलना में बेतरह कम होगा क्योंकि किसी और तबके में कोई वोट बढ़ाऊ चीज़ कांग्रेस के हक़ में बीते तीन महीनों में तो नहीं हुई। देखना दिलचस्प होगा कि क्या "आप" मेहनतकश तबके के वोट पर क़ाबिज़ है या मध्य वर्ग की तरह भाजपा उसे उड़ा ले गई?
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Sheetal P Singh : उनके पास snoop gate का जवाब नहीं? उनके पास KG6 गैस क़ीमतों में वृद्धि का जवाब नहीं? उनके पास वेदान्ता की विदेशी कंपनियों से चन्दा लेने का जवाब नहीं? उनके पास हज़ारों करोड़ के election campaign का हिसाब नहीं? येदुरप्पा/रामुलु टिकट का जवाब नहीं? जन लोकपाल उनका ख़्वाब नहीं? फिर वे आपके कैसे हो सकते हैं? धार्मिक या जात पाँत के आधार पर राय न बनायें। सवाल करें और जवाब मिले तभी तय करें।
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह के फेसबुक वॉल से.