उत्तरकाशी के इस रिपोर्टर देवेंद्र रावत को मेरा सलाम… उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुई तबाही के शाट सबसे पहले समाचार चैनल्स तक पहुंचाने वाले ज़ी यूपी उत्तराखंड रीजनल न्यूज़ चैनल के संवाददाता देवेन्द्र रावत को मेरा सलाम..… जांबाज़ रिपोर्टर देवेन्द्र ने ही सबसे पहले बड़ी-बड़ी इमारतों के ढहने के दृश्य घंटों बैठकर अपने कैमरे में क़ैद किये…
खुद कैमरा चलाने में माहिर देवेन्द्र रावत को हम उत्तराखंड के उन चुनिन्दा रिपोर्टरों की सूची में शामिल कर सकते हैं जो कि पैसे के लिए नहीं बल्कि किसी मिशन के लिए पत्रकारिता कर रहे हैं… हो सकता है इनके फिल्माए शॉट्स का इस्तेमाल करके कोई बड़ा रिपोर्टर कोई बड़ा पुरस्कार अपनी झोली में डाल ले लेकिन हमन को पता है कि ये शख्स तब भी उफ्फ़ नहीं करेगा…
कुछ लोग दिल से रिपोर्टिंग करते हैं… देवेन्द्र उनमें से एक माने जा सकते हैं…. जब मैं उत्तरकाशी गया था, तब देवेन्द्र ने मुझे आसी गंगा की तबाही दिखलाई थी… वो बताते रहे कि सरजी अभी तो और तबाही होगी… उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख, गंगोत्री, हर्षिल, धरासू, यमनोत्री जैसे इलाको में सूदूर पैदल चल कर, हेलीकाप्टर से जाकर कवरेज करने वाले देवेन्द्र रावत की मेहनत के लिए शब्द नाकाफी हैं…
मुझे ये सब इसलिए लिखना पड़ रहा है क्योंकि कई बार ऐसा हो जाता है कि मेहनत कोई करता है, मलाई कोई चाट जाता है… कम से कम मीडिया जगत को ये तो पता चले खास तौर पर दिल्ली मीडिया को कि देवेन्द्र रावत जैसे रिपोर्टर उत्तराखंड में किस जज्बे से काम करते हैं… बिना किसी पुरस्कार की लालच के…. मेरा मानना है कि देवेंद्र रावत रामनाथ गोयनका एवार्ड पाने वाले पत्रकारों से बड़ा पत्रकार है… देवेन्द्र रावत… तुम्हे मेरा सलाम भाई…
दिनेश मानसेरा
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड