लगता है निशिकांत ठाकुर की घेरेबंदी तगड़ी कर दी गई है. तभी तो उनके सबसे मजबूत सिपहसालार शहीद होने लगे हैं या शहीद होने की ओर बढ़ चले हैं. चीफ जनरल मैनेजर निशिकांत ठाकुर के अन्नय भक्त अरुण सिंह, जो जनरल मैनेजर पद पर नोएडा मुख्यालय में कार्यरत हैं, के बारे में सूचना आई है कि उनका इस्तीफा हो गया है. कविलाश मिश्र जो निशिकांत ठाकुर के साले साहब बताए जाते हैं, उनके बारे में सुनने को मिला है कि उनकी दिल्ली स्टेट ब्यूरो हेड वाली गद्दी छिन गई है और उनका तबादला नोएडा मुख्यालय में डेस्क पर कर दिया गया है.
माना जा रहा है कि विष्णु त्रिपाठी के संपादक बनने के बाद देर सबेर यह होना था क्योंकि विष्णु त्रिपाठी को प्रबंधन ने इसीलिए संपादक बनाया ताकि वे लंबे समय से कायम जड़ता को खत्म कर अखबार व कंटेंट में ताजगी व तेज ला सकें. कुछ लोगों का कहना है कि डेस्क पर तबादला किए जाने से नाराज होकर कविलाश मिश्र ने इस्तीफा दे दिया है. पर कविलाश के करीबियों का कहना है कि वे आज भी आईटीओ स्थित दैनिक जागरण के आफिस में बैठे हैं. हां, उनका तबादला जरूर हुआ है, पर उन्होंने इस्तीफा कतई नहीं दिया है और न ही छुट्टी पर गए हुए हैं. वे आफिस में काम कर रहे हैं.
उधर, दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो में वरिष्ठ पद पर कार्यरत अंशुमान तिवारी के बारे में सूचना है कि उनका चयन नवभारत टाइम्स में हो गया है. इसी कारण वे लंबी छुट्टी पर चले गए हैं और लौटकर इस्तीफा दे देंगे. कुछ लोगों का कहना है कि अंशुमान ने इस्तीफा दे दिया है, और फिलहाल नोटिस पीरियड पर चल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक अंशुमान तिवारी की प्रशांत मिश्रा से नहीं पट रही थी. प्रशांत लंबे समय से दैनिक जागरण नेशनल ब्यूरो के चीफ हैं. एक समय था जब अंशुमान तिवारी एक्टिंग नेशनल ब्यूरो चीफ के रूप में कार्य किया करते थे और प्रशांत मिश्र ओवरआल हेड थे.
पर अचानक प्रशांत मिश्र ने एक आदेश जारी कर अंशुमान के जरिए सीधे खबर नोएडा आफिस भेजने की जगह खुद तक खबर भेजने को कह दिया. इसके बाद से अंशुमान के एक तरह से साइडलाइन हो गए. दैनिक जागरण, दिल्ली के मालिक संजय गुप्ता ने भी अंशुमान को कोई खास भाव नहीं दिया. इन समस्त परिस्थितियों और खुद की काबिलियत व क्षमता को देखते हुए अंशुमान ने दैनिक जागरण से बाहर अपना करियर तलाशने की कोशिश कर दी और इसमें वो सफल भी हो गए हैं. फिलहाल उपरोक्त सारी सूचनाएं चर्चा के लेवल पर हैं. दैनिक जागरण के कई वरिष्ठ लोग उपरोक्त सूचनाओं का मंडन करते हैं पर जिन-जिन के बारे में ये सूचनाएं हैं, वे खुद इसका खंडन करने या चुप रहने में जुटे हैं.
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