तरुण तेजपाल मामले का असर मीडिया संस्थानों पर दिखने लगा है. देश के प्रमुख समाचार पत्र हिन्दू ने अपने यहां यौन उत्पीड़न की घटनाओं से निपटने के लिए आंतरिक शिकायत समिति का गठन शुरू कर दिया है. तेजपाल प्रकरण के आने के बाद ये बात सामने आई थी कि लगभग सभी मीडिया संस्थानों में यौन उत्पीड़न की जांच के लिए कोई कमेटी नहीं है. इस मुद्दे पर मीडिया की खूब आलोचना हो रही थी.
कस्तूरी एण्ड संस लिमिटेड ने 28 नवम्बर को जारी किए गए नोटिस में कहा है कि बोर्ड आफ डायरेक्टर्स द्वारा संस्थान में यौन उत्पीड़न निवारण हेतु एक नीति बनाई गई है जो पूरे संस्थान पर लागू होगी. ये नीति 1 दिसम्बर 2013 से प्रभावी होगी. इस नीति के तहत 'द हिन्दू' के मुख्य कार्यालय तथा सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन प्रक्रिया में है. गठन की प्रक्रिया पूर्ण होते ही सभी को कमेटी के बारे में सूचना दे दी जायेगी.

इस घोषणा के साथ-साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को परिभाषित भी किया गया है. इसके तहत शारीरिक संपर्क, यौन संबंध बनाने की मांग, किसी प्रकार की अश्लील टिप्पणी, अश्लील साहित्य दिखाना या ऐसा कोई भी शारीरिक, मौखिक या बिना बोले किया गया आचरण जो यौन हिंसा की श्रेणी में आता है, की शिकायत पाये जाने पर समिति जांच करेगी.