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धरती की उम्र पौने दो अरब साल शेष

लंदन। धरती पर जीवन के कम से कम 1.75 अरब साल तक मौजूद रहने के आसार हैं। लेकिन 1.75 अरब से लेकर 3.5 अरब सालों के बीच ग्लोबल वार्मिग और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते जीवन खत्म होने लगेगा। और एक बार फिर पृथ्वी निर्जन हो जाएगी। चूंकि उस समय तक हमारा सूर्य इतना गर्म हो जाएगा कि पृथ्वी समेत उसके आसपास के ग्रहों पर जीवन असंभव हो जाएगा।

लंदन। धरती पर जीवन के कम से कम 1.75 अरब साल तक मौजूद रहने के आसार हैं। लेकिन 1.75 अरब से लेकर 3.5 अरब सालों के बीच ग्लोबल वार्मिग और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते जीवन खत्म होने लगेगा। और एक बार फिर पृथ्वी निर्जन हो जाएगी। चूंकि उस समय तक हमारा सूर्य इतना गर्म हो जाएगा कि पृथ्वी समेत उसके आसपास के ग्रहों पर जीवन असंभव हो जाएगा।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अवधि के बाद पृथ्वी सूर्य के गर्म क्षेत्र में आ जाएगी। चूंकि पृथ्वी पर जीवन का कारण ग्रह की सूर्य से सटीक दूरी है। लेकिन आने वाले सालों में सूर्य अपनी उम्र आधी से ज्यादा पार कर चुका होगा। लिहाजा उसका फैलाव होगा और गर्मी भी असहनीय होती जाएगी। सूर्य की ऊष्मा का इतना फैलाव होगा कि अंत में पृथ्वी पर कोई जीवन बच ही नहीं सकेगा।

सूर्य के इस गोल्डीलॉक्स क्षेत्र में होने के नाते महासागरों के तापमान में गर्म होकर उबलने लगेगा और फिर हमेशा के लिए सूख जाएगा। वैज्ञानिकों ने एक ताजा अध्ययन में ये निष्कर्ष निकाला है। हाल में खोजे गए सौरमंडल के बाहर मौजूद ग्रहों का उदाहरण देते हुए वैज्ञानिकों ने अपने इस सिद्धात का समर्थन किया। उन्होंने सौरमंडल के बाहर मौजूद ग्रहों के उनके तारे से स्थित दूरी के आधार पर जीवन पनपने की संभावनाओं का अध्ययन किया।

ईस्ट-एंगलिया यूनिवर्सिटी के एंड्रयू रश्बी ने बताया कि उन्होंने जीवन पनपने योग्य क्षेत्र का अध्ययन करके पृथ्वी के लिए ये निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने इस प्रयोग में स्टेलर माडल को अपनाया। जिसके तहत किसी ग्रह की उम्र और उसपर पनपने वाले जीवन की अवधि को आका जाता है। इस लिहाज से पृथ्वी पर अब जीवन 1.75 अरब से लेकर 3.25 अरब साल तक ही शेष है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण में बदलाव के कारण बहुत जल्दी ही पृथ्वी पर जीवनयापन दुश्वार हो जाएगा। खासकर इंसानों पर संकट थोड़ा और तापमान बढ़ने के साथ ही शुरू हो जाएगा। और सृष्टि के आखिर में जीवन के रूप में केवल सूक्ष्म एक कोषीय जीव ही बचेंगे। अत्यंत तीव्र तापमान का सामना केवल वही कर पाएंगे। ऐसा संकट देखते हुए ही दूसरे सौरमंडलों में जीवन की संभावना की तलाश को रफ्तार मिलेगी।

कम से कम हमारे ब्रह्मांड में ऐसा कोई ग्रह अवश्य मिल सकता है जहां जीवन हो। हालांकि इंसान जैसा जटिल जीव मिलना मुश्किल है। चूंकि पृथ्वी की भी 75 फीसद आयु जीवन के पनपने में लग गई। यही स्थिति दूसरे सौरमंडल के ग्रह पर भी हो सकती है। अब तक अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर जीवन की संभावना वाले एक हजार ग्रहों की पहचान की है। इनमें कुछेक पृथ्वी के वातावरण से मिलते हैं। इस प्रयोग में पृथ्वी की तुलना मंगल ग्रह समेत ऐसे आठ ग्रहों से की गई है। शोध को आस्ट्रोबायोलाजी जरनल में प्रकाशित किया है।

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