मुंबई। मुंबई के हिंदी भाषी इस तेज रफ़्तार मिडिया के युग में भी बासी खबरे पढ़ने को मजबूर हैं। इस शहर के सबसे लोकप्रिय हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स में अक्सर बासी खबरे छप रही है। 23 अगस्त को ही इस समाचार पत्र के पेज 3 पर छपी राजीव गाँधी जीवनदायी योजना की न्यूज़ 10 दिन पुरानी है।10 दिन पहले तो इसका प्रेसनोट इशू हुआ था। यह खबर तो महीनो पहले और जगहों पर छप गयी थी।
मजे की बात यह की इतनी बासी/पुरानी खबर पर भी रिपोर्टर की बाईलाइन। गुरुवार की शाम मुंबई में एक महिला प्रेस फोटोग्राफर के साथ गैंग रेप की न्यूज़ इस अख़बार में एक लाइन नहीं छपी। बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में सामाजिक कार्यकर्त्ता नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या को लेकर कांग्रेस के मंत्रियो ने जमकर हंगामा किया। सारे बडे न्यूज़ पेपर में यह न्यूज़ छपी नवभारत टाइम्स उर्फ़ एनबीटी को छोड़ कर।निःसंदेह यह अख़बार मुंबई के हिंदी भाषियों का सबसे विश्वसनीय अखबार है। पर इसके पाठक बासी खबरे पढ़ने को मजबूर है। न जाने मुंबई के 40 लाख को कब एक सम्पूर्ण समाचार पत्र पढ़ने को मिलेगा।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.