भोपाल : जागरण समूह द्वारा खरीद लिए जाने के बाद नईदुनिया के भोपाल स्थित अखबार नवदुनिया को मैनेजमेंट ही बरबाद करने में जुट गया है. यहां पर अखबार खुद को भास्कर समझने लगा है और इसी रुआब में मैनेजमेंट ने दाम बढ़ा दिये हैं. वहीं मुख्यालय में कुछ स्वार्थी तत्वों के बैठ जाने से अखबार दिनो दिन खात्मे की ओर जा रहा है.
संपादकीय, सरकुलेशन और मार्केटिंग की आपसी खींचतान से अखबार लगातार कमजोर होता जा रहा है. पहले कंपनी ने ग्राहकों के लिए सर्वे कराया था जो बाद में बुरी तरह पिटने के बाद बंद हो गया. इसके बाद बिना अनुमति ही एजेंटों की कापियां बढ़ा दी गईं. संपादकीय में बैठे लोग भी ब्यूरों की सुनने की बजाय अपने स्वार्थों की पूर्ति करवाने में लगे हैं.
ऐसी हालत में यहां काम कर रहे लोग अब नौकरी छोड़ने का मन बना चुके हैं. वैसे भी यहां ईमानदार लोगों को सुनने की जगह अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति करने वालों को ही अवसर दे रहे हैं. पुराने ब्यूरोचीफ की को हटाकर उनकी जगह अपने लोगों की नियुक्ति की जा रही है जिससे अखबार में काम करने वाले लोग यहां से निकलने के लिए विकल्प तलाशने में लग गये हैं.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित