प्रतिष्ठा में, श्री अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर, विषय :- नव स्थापित हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में भर्तियों में गड़बड़ी रुकवाने बाबत। महोदय, सादन नम्र निवेदन है कि नव स्थापित हरिदेवश जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक स्टाफ की हो रही भर्ती में न तो यूजीसी के मानदंडों की पालना की जा रही है और न ही आरक्षण संबंधी प्रावधानों का कोई ध्यान रखा जा रहा है। इस संबंध में निवेदन है कि –
1. हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय ने 9 मई, 2013 को विज्ञापन जारी कर मीडिया स्टडी विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोशिएट प्रोफेसर तथा तीन असिसटेंट प्रोफेसर तथा इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिज्म विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोशिएट प्रोफेसर तथा तीन असिसटेंट प्रोफेसर पदों के लिए 12 जून, 2013 तक आवेदन मांगे। इनमें से एक भी पद आरक्षित वर्ग के लिए नहीं रखा जाना आरक्षण संबंधी प्रावधानों की अनदेखी को दर्शाता है।
2. आपने साक्षात्कार को खत्म कर पुलिस भर्ती को पारदर्शी बनाने का जो प्रयास किया था, उससे शिक्षित बेरोजगारों में भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की एक उम्मीद जगी थी। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में भर्ती में धांधली को लेकर एसीबी की कार्रवाई होने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में भर्ती पर जो विवाद हुए, उससे काफी निराशा हुई। अब हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय को नियम-कायदों को ताक में रखकर उपकृत केन्द्र में तब्दील करने की की जा रही कोशिशों से सुधार की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।
3. विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन जारी होने के बाद साक्षात्कार शुरू होने के बाद भी नव स्थापित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दिया जाना भर्ती में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर संदेह बढ़ाता है।
4. प्रार्थी ने असिसटेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन किया था और प्रार्थी यूजीसी के तय मानदंडों के अनुरूप पूरी अर्हंताएं रखता है। इसके बावजूद साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र तक नहीं भेजा गया। इस संबंध में पता करने पर जानकारी निकली कि राजस्थान के विभिन्न विश्वविद्यालयों के पीएच.डी. धारकों को नहीं बुलाया गया, जबकि प्रदेश के बाहर के ऐसे आशार्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया।
आपसे सादर प्रार्थना है कि भर्ती प्रक्रिया संबंधी तमाम जानकारी, मानदंड और सभी आवेदक आशार्थियों की काबिलियत संबंधी पूरा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया जाए, ताकि भर्ती की निष्पक्ष को लेकर किसी के मन में कोई संशय नहीं रहे। सीधी भर्ती में हालांकि वर्तमान प्रावधानों में किसी उप कुलपति को मनमानी से नहीं रोका जा सकता है, लेकिन साक्षात्कार प्रक्रिया में कैमरे की अनिवार्यता से इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।
न्याय की उम्मीद में
आपका
डॉ. हनुमान राम गालवा
एए, 7, अनिता कॉलोनी, बजाज नगर, जयपुर
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