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लखनऊ

नूतन ठाकुर का आम आदमी पार्टी से इस्तीफा

Nutan Thakur : श्री अरविन्द केजरीवाल को प्रेषित आम आदमी पार्टी से मेरा त्याग-पत्र—
 
सेवा में, 
श्री अरविन्द केजरीवाल,
राष्ट्रीय कन्वेनर,
आम आदमी पार्टी 
नयी दिल्ली 
 
विषय- आम आदमी पार्टी से त्यागपत्र दिए जाने विषयक 
Nutan Thakur : श्री अरविन्द केजरीवाल को प्रेषित आम आदमी पार्टी से मेरा त्याग-पत्र—
 
सेवा में, 
श्री अरविन्द केजरीवाल,
राष्ट्रीय कन्वेनर,
आम आदमी पार्टी 
नयी दिल्ली 
 
विषय- आम आदमी पार्टी से त्यागपत्र दिए जाने विषयक 
 
महोदय,
हम सभी अवगत हैं कि आम आदमी पार्टी (आप) का गठन विशिष्ट स्थितियों में, अत्यंत विशिष्ट उद्देश्यों के हेतु किया गया था और इसके कार्य, क्रिया-कलाप, मार्ग, पथ तथा तरीके भी मौजूदा सभी राजनैतिक दलों से विलग बताये गए थे. 
 
आपके स्वयं के शब्दों, आचरण और दावों ने लगातार आपको मौजूदा राजनैतिक फलक पर एक पूर्णतया अलग स्वरुप प्रदान किया था और एक बड़ी भारी संख्या में लोगों ने इसे मन से स्वीकार भी किया था. आपने यह आशा दिलाई थी कि आप एक पूर्णतया नए भारत के निर्माण के लिए कृत-संकल्प होंगे और अपने इस उद्देश्य में कोई भी समझौता किसी भी स्तर पर नहीं करेंगे. 
 
मैं अपने आप को लेकर कोई भी बड़े दावे नहीं करती, मैं एक पूर्णतया सामान्य महिला हूँ, एक आम आदमी, जिसमे अच्छाई और बुराई दोनों है और जो जीवन जीने के लिए कई प्रकार के समझौते करता रहा है. हाँ, यह अवश्य है कि अपनी समस्त कमजोरियों के साथ समाज के लिए कुछ करने की थोड़ी सी इच्छा भी मन में रही और इसी कारण से मैंने सामाजिक क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया. आपके और आपकी पार्टी के लोगों के विचारों से प्रभावित हो कर ही मैं आप पार्टी से भी जुडी और इसकी सदस्यता ग्रहण की. 
 
लेकिन कुछ दिन पहले मीडिया सरकार डॉट कॉम द्वारा प्रसारित स्टिंग ओपरेशन और उसके बाद आपकी तथा पार्टी के अन्य तमाम बड़े नेताओं की बातों ने कम से कम मुझे यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति की वे सभी समस्याएं, वे सभी मजबूरियाँ, वे सभी पहलू संभवतः इस नवोदित पार्टी के लिए भी उतने ही सही हैं जितने किसी अन्य के लिए. 
 
मैंने मीडिया सरकार का स्टिंग देखा. यह संभव है कि उसमे छेड़-छाड़ हो. यह तो होगा ही कि इसे आपके किसी विरोधी शक्ति ने स्पोंसर किया होगा. इसमें संभव है कि मीडिया सरकार की अपनी कोई निश्चित पॉलिटिक्स हो, अपना कोई अर्थशास्त्र हो, अपने आप को स्थापित करने का कोई जरिया हो, आदि-आदि. पर इन सभी बातों के बाद भी एक बात तो इस विडियो से लगभग साफ़ दिखती है कि जिस किसी भी व्यक्ति की बातचीत इसमें दिखाई गयी है उसमे कई सारी बातें चिंताजनक तो निश्चित रूप से हैं. मैंने भी पूरी स्टिंग देखी. चाहे वह सुश्री शाजिया इल्मी हों, चाहे श्री कुमार विश्वास हों, चाहे कोंडली प्रत्याशी श्री मनोज कुमार हों, चाहे संगम विहार के श्री दिनेश मोहनिया, ओखला के श्री इरफ़ान खान या रोहतास नगर के श्री मुकेश हूडा, सभी इस स्टिंग ओपरेशन में ऐसी स्थितियों में नज़र आते हैं जिसे किसी भी प्रकार से वाजिब नहीं कहा जा सकता. 
 
सुश्री साजिया इल्मी आराम से पंद्रह लाख रुपये किसी भी रूप में लेने को तैयार दिखती हैं, फिर उनके पीए विस्तार से पूरी बात बताते हैं. सुन कर आश्चर्य लगता है कि पच्चीस-पचीस हज़ार के चार-पांच आदमी रखे गए हैं, रोज पांच हज़ार तक तेल-पानी का खर्चा है, महीने का ऑफिस का खर्च पांच लाख तक है. मीडिया पर लाखों का खर्च अलग से. यदि यह सब खर्च अभी सत्ता में आये बिना है, तो फिर आगे क्या होगा?
 
श्री कुमार विश्वास बिजिनेस क्लास के नीचे नहीं चलते, सुइट के नीचे नहीं ठहरते, उनके पीए भी उसी में चलते और रुकते हैं. पैसा किसका है, क्यों है, गलत है, सही है, इससे उन्हें कोई वास्ता नहीं है. यदि यह सब ही होना था तो फिर वे विरोध किन का और क्यों कर रहे थे? उनकी बातों से यह भी साफ़ झलकता है कि उन्हें इस बात से कोई वास्ता नहीं कि पैसा किसका और कहाँ से लग रहा है. उनकी हाई-फाई जिन्दगी के प्रति लगाव की बात भी काफी हद सामने आ ही जाती है. 
 
इसके अलावा अन्य प्रत्याशीगण के शब्द भी काफी कुछ कहते हैं और यह बताते दिखते हैं कि एक पुरुष और एक महिला प्रत्याशी को छोड़ कर बाकी सभी प्रत्याशी उसी दौड़ में शामिल हैं जिससे मुकाबला करने की बात आप बहुत जोर-शोर से कहते रहे हैं. 
 
आज आपके साथियों ने पुनः प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के स्टिंग को सिरे से खारिज किया. आजतक न्यूज़ चैनेल के अनुसार- “अपने उम्मीदवारों पर भ्रष्टाचारों के आरोपों पर घिरी आम आदमी पार्टी ने रविवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और यह बताने की कोशिश की कि उनके सभी उम्मीदवार पाक-साफ हैं. पार्टी की ओर से कहा गया कि पूरा स्टिंग फर्जी है, क्योंकि सीडी में डॉक्टरिंग की है. रविवार दोपहर तकरीबन पौन एक बजे आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. योगेंद्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से उस सीडी की पूरी फुटेज मांग थी, जो उन्हें मिल गई. यह पूरी सीडी 14 घंटे की है, जिसे कांट-छांटकर इस तरीके से पेश किया गया, ताकि एक ईमानदार पार्टी पर लांछन लगाए जा सकें. योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सीडी में जितने भी इंटरव्यू हैं, सभी से जरूरी संदर्भ को हटाकर एक सीडी बांटी गई. यदि संदर्भ साथ सीडी पर गौर किया जाए तो पता चलेगा कि उनका कोई भी उम्मीदवार, जिनके नाम लिए गए हैं, भ्रष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि वे सख्त लफ्जों में इसे फ्रॉड, फर्जीवाड़ा और डॉक्टरिंग करार देते हैं. यादव ने चुनाव आयोग से अपील की कि इस तरह की सीडी जारी करने वालों के लिए रेगुलेशन लगाई जानी चाहिएं. इसके बाद पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के सभी नेताओं पर गर्व है. 14 घंटे की पूरी फुटेज देखने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है.”
 
मैंने आम आदमी पार्टी का प्रेस कॉन्फ्रेंस सुना. यदि मैं ईमानदारी से कहूँ तो मुझे बहुत साफ़ लग रहा था कि इसमें बचाव की पूरी भाव-भंगिमा है. कल रात का आम आदमी पार्टी का फ़िल्मी लोगों को बुला कर गाने के कार्यक्रम को भी देखा और सुना. कुछ विचित्र सा लगा क्योंकि ऐसा लगा कि उच्चतम आदर्शों की बात करने वाली पार्टी किसी भी प्रकार से लोगों को आकर्षित करने को बेचैन है. 
 
मैं इससे अधिक और कुछ नहीं कहूँगी क्योंकि मेरा यह काम नहीं कि मैं व्यक्ति-विशेष अथवा किसी व्यक्तियों के समूह को लांचन लगाऊं पर इतना जरूर है कि वह पार्टी, जो लगभग पूरी तरह मीडिया की उपज है और जिसे मीडिया ने सर-आँखों पर बिठा पर पूरे देश में फैला दिया, उसे यदि एक दिन मीडिया को ही नसीहत देने की नौबत आ जाए, मीडिया से नाराज होने की बात आ जाए, जो स्टिंग ओपरेशन में षडयंत्र देखने लगे और स्टिंग करने वालों को ही धमकी देने लगे, अपने लोगों को येन-केन-प्रकारेण सही ठहराने पर लग जाए, वह वोट और चुनाव में सफल भले हो जाए पर आदर्श, विचारधारा और विचारों के स्तर पर वह काफी कुछ हार रहा दीखता है. 
 
मैं निवेदन करुँगी कि बहुत संभव है कि आज भी यह पार्टी बहुतों से बहुत अच्छा हो लेकिन यदि इसी प्रकार से प्रतिक्रिया बनी रही और बिना सत्ता में आये इतनी ही तेजी से ना प्रकार के गंभीर आरोप और तथ्य सामने आने लगें तो बहुत दिन नहीं लगेंगे जब “आप” भी सबों के साथ खड़े होंगे और शायद सत्ता में भी होंगे, जिस समय सत्ता में होने के बाद भी आपके शब्द बेमानी लगने लगेंगे. 
 
यानी कुल मिला कर यह कि मैं, जो स्वयं में एक साधारण व्यक्ति हूँ, कोई बहुत उच्च आदर्श की बातें स्वयं के लिए नहीं कहती, अपनी अच्छाई और बुराई से भली-भाँती परिचित हूँ, इसी निष्कर्ष पर पहुंची हूँ कि मैं भारी शब्दों के उस भार को नहीं झेल सकती जो बहुधा कम से कम मुझे पार्टी के वास्तविक क्रियान्वयन में नहीं दिख रहा है और जिसके कारण निश्चित रूप से कई सारे लोग मन ही मन “आप” द्वारा जगाई उम्मीद से खुद को अलग करते नज़र आ रहे हैं और यह पार्टी भी सत्ता के रेस में उसी रफ़्तार और उन्ही तरीकों से बड़ी कुशलता से भागती नज़र आ रही है, जिनकी उसने पुरजोर बुराई, शिकायत और अत्यंत कटु निंदा की थी. अतः मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति के लिए यही उचित जान पड़ता है कि मैं स्वयं को आम आदमी पार्टी के अनुरूप और योग्य नहीं पाते हुए इस पार्टी से स्वयं को अलग कर लूँ. यह सही है कि मैंने इस पार्टी में कोई ऐसा काम नहीं किया था, जिसे किसी प्रकार से विशिष्ट योगदान कहा जाए और ना ही मेरा ऐसा कोई बड़ा कद है जिससे मेरे पार्टी में आने-जाने से किसी को वास्तव में अंतर हो पर शायद मैं भविष्य में पूरे तन-मन से इसमें सक्रीय होती लेकिन हालिया घटना-क्रम ने मुझे यह स्पष्ट कर दिया है कि इस पार्टी में रहने की जगह इससे अलग अपनी अकेली हैसियत में अपनी सीमित शक्ति में सामाजिक कार्य करने में शायद मुझे कहीं अधिक संतुष्टि मिलेगी और ऐसा नहीं लगेगा कि मैं ऐसी पार्टी की सदस्य हूँ जिसके शब्द तो बहुत भारी थे लेकिन मौके आने पर उनकी कई सारी बातें उन भारी शब्दों से काफी अलग दिख जाती हैं. 
 
पत्र संख्या- NT/ AAP/AK भवदीय,
दिनांक- 24/11/2013 
(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426, विराम खंड, 
गोमतीनगर, लखनऊ 
# 094155-34525
 
नूतन ठाकुर के फेसबुक वाल से
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