लगता है शैलेंद्र भदौरिया को देर से ही सही, समझ में आ गया है. उन्होंने आलोक मेहता एंड कंपनी से निजात पाने की तैयारी कर दी है. प्रबंधन ने इस कड़ी में नेशनल दुनिया अखबार के सभी सप्लीमेंट को बंद करा दिया है. ये सारे सप्लीमेंट मुख्य अखबार का हिस्सा होंगे. संडे वाला 48 पेजी ‘संडे दुनिया’ अब मुख्य अखबार में 4 पेज का हिस्सा होगा. युवाओं के लिए सोमवार वाला सप्लीमेंट ‘यंग मार्च’ और बच्चों के लिए गुरुवार वाला सप्लीमेंट ‘बच्चों की दुनिया’ को मिलाकर एक कर दिया गया है और यह अब केवल गुरुवार को ही आयेगा. इसी तरह महिलाओं पर आधारित ‘इंद्रधनुष’ और ‘हमसफ़र’ सप्लीमेंट को मिलाकर एक कर दिया गया है और इसे 16 पेज के मुख्य अखबार का हिस्सा बना दिया गया है.
हेल्थ सप्लीमेंट ‘कायाकल्प’ को भी मुख्य समाचारपत्र में मिला दिया गया है. शनिवार को पाठकों को मिलने वाला बॉलीवुड के कंटेंट से भरा 18 पेजी ‘रंगोली सप्लीमेंट’ भी खत्म कर चार पेज का कर दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि शैलेंद्र भदौरिया ने आलोक मेहता एंड कंपनी को निर्देश दे दिया है कि वे लोग एजेंडा पत्रकारिता करने से बाज आएं. शैलेंद्र भदौरिया ने बता दिया है कि उन्हें हर घटनाक्रम की जानकारी है और कोई ये न समझे कि वे लंबे समय तक आंखों में धूल झोंक सकता है. सूत्र बताते हैं कि आलोक मेहता एंड कंपनी गुपचुप तरीके से किसी नए वेंचर की तलाश में जुट गए हैं और इसके लिए उपयुक्त आसामी की तलाश की जा रही है. संभव है अगले कुछ महीनों में किसी नए प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी जाए. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कई बड़े नेता भी ब्लैकमनी के सहारे अखबार निकालने की तैयारी में हैं. तो, माना जा रहा है कि आलोक मेहता एक बार फिर अपने खास लोगों के साथ नए प्रोजेक्ट में छलांग लगा देंगे.