बिजनेस स्टैंडर्ड हिंदी में एक पत्रकार हैं ऋषभ कुमार सक्सेना, संघी हैं तो भाजपाई तो होंगे ही. चलिए यहां तक तो ठीक है लेकिन जनाब ने बिजनेस स्टैंडर्ड के संपादकीय कक्ष में ही भाजपा की जीत का जश्न मना डाला. जैसे ही भाजपा की जीत की खबर आने लगी पत्रकार महोदय सबको जा-जाकर बधाई देने लगे और पूरे स्टाफ में सबको जबरन मिठाई बांटी.
पत्रकार महोदय इतने पर ही नहीं रुके, इस जश्न की फोटो फेसबुक पर भी अपलोड की और कैप्शन लिखा "भाजपा की प्रचंड जीत पर आप भी हमारे साथ जश्न मनाइए." ऐसा लग रहा था जैसे किसी अखबार का न्यूज रूम ना होकर पार्टी कार्यालय हो जहां पार्टी की जीत के बाद जश्न शुरू हो जाता है.

जब अखबार के दफ्तर में ही पत्रकार महोदय इस तरह से पार्टीबाजी करेंगे तो उनसे स्वच्छ पत्रकारिता की उम्मीद तो बेमानी है साथ ही उस अखबार और संस्थान पर भी सवाल खड़े होते हैं. आखिर बिजनेस स्टैंडर्ड के न्यूज रूम में घंटों तक एक राजनीतिक पार्टी की जीत का जश्न कैसे मनाया जाता रहा.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित