Gyaneshwar : बिहार में घरानों के मीडिया वार ने और तीखा शक्ल सोमवार को ले लिया। लांचिंग की तैयारी में लगे दैनिक भास्कर ने पुराने मीडिया हाउसों को चिढ़ाने वाला नया कंपेन जारी कर दिया है। होर्डिंग्स पर नये फ्लेक्स टंग गये हैं। दैनिक भास्कर ने कीमतों में आई कमी को अपने खाते में क्रेडिट करने की कोशिश की है। क्रेडिट हो भी सकती है, क्योंकि पाठकों ने समझा है कि भास्कर की वजह से ही कीमतें कम हुई है।
लेकिन भास्कर ने अब 'क्वालिटी' का मुद्दा तेज उछाल दिया है। जाहिर है, जमे-जमाये अखबारों को यह अच्छा नहीं लगेगा। होर्डिंग पर लिखा है, 'मनमानी पर अंकुश। कीमतें घटीं, क्वालिटी ???' आगे का पंच लाइन है, 'अब आपको मिलेगी सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी।'
बिहार के आम पाठक दैनिक भास्कर की क्वालिटी के बारे में पहले से नहीं जानते हैं। सो, अभी तो कुछ भी कहा जा सकता है। लांचिंग के वक्त सभी अखबार 'युद्ध-वीर' बने ही रहते हैं। न्यू कमर्स को निश्चित माह तक सरकारी विज्ञापनों का लोभ नहीं होता, सो वह कलम की मुंह पर किलो भर दही जमाये नहीं रखते। फिर विज्ञापन की कमी से अधिक खबरें परोसने का स्पेस भी मिला रहता है।
क्वालिटी की अग्नि-परीक्षा तो तब होती है, जब अखबार सरकारी विज्ञापन पाने का हकदार बन जाता है। दैनिक भास्कर की बिहार में परीक्षा भी तभी होगी। पाठक ध्यान से देखेंगे कि सत्यनारायण कथा बांची जा रही है कि वीरों की तरह सच परोस रहे हैं। बहरहाल, नये कंपेन देखते रहिये और आफर पर भी ध्यान रखें।
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर के फेसबुक वॉल से.
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