भोपाल : वर्किग जर्नलिस्ट यूनियन मध्यप्रदेश के स्वयं भू प्रांतीय अध्यक्ष राधा वल्लभ शारदा पर पत्रकार विनय जी. डेविड ने पत्रकार श्रद्धानिधि प्राप्त करने में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। विनजय जी डेविड ने जो कुछ बताया, वह इस प्रकार है… म.प्र. राज्य शासन ने मध्यप्रदेश में पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ और बुर्जुग पत्रकारों के लिये श्रद्धानिधि योजना चालू की जिसकी स्वीकृति आदेश किये गये एवं विधिवत श्रद्धानिधि प्राप्त करने के लिये नियम एवं योजना बनाई गई। जिसमें 10 बिन्दुओं के आधार पर योजना का लाभ पत्रकारों को दिये जाने थे।
श्रद्धनिधि स्वीकृत किये जाने के लिये विधिवत 13 बिन्दुओं की जानकारी सहित आवेदन पत्र चाहे गये थे। जिसके साथ नोट में चार बिन्दुओं में पहली शर्त श्रद्धानिधि की नियम एवं शर्ते बताई गई है वहीं बिन्दू क्रमांक 10, 11 एवं 12 के संबंध में शपथपत्र प्रस्तुत किया जाना हैं वहीं अन्य दो शर्ते पेमेन्ट के मामले की है।
नियम और शर्तोँ से ज्ञात होता हैं कि यह योजना उन वरिष्ठ और बुर्जुग निर्धन पत्रकारों के लिये है जो अन्य कारणों से सक्षम नहीं। वहीं बिन्दु क्रमांक 3 स्पष्ट करती है कि आवेदक आयकर दाता श्रेणी में नहीं आता है वहीं इस बाबत शपथपत्र भी चाहा गया। बिन्दु क्रमांक 7 पर स्पष्ट बताया गया हैं (ज्यों का त्यों) अधिमान्य पत्रकार पर किसी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होना चाहिए। साथ ही आवेदन में बिन्दु क्रमांक 11 और 12 से जानकारी चाही गई।
श्रद्धानिधि की रकम प्राप्त करने करने के लिये राधावल्लभ शारदा इन दोनों बिन्दुओं के कारण अपात्र है। शारदा को नियमित विज्ञापन प्राप्त होता है जो आयकर के दायरे में हैं और से आयकरदाता की श्रेणी में आते है और दूसरे बिन्दु के आधार पर आवेदक के ऊपर कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होना चाहिये तो हम बता दे कि शारदा के ऊपर धारा 420 का प्रकरण दर्ज (जनसंपर्क के सभी अधिकारियों को जानकारी है ) हैं। अब नियम विरूद्ध षडयंत्र कर इन्होंने श्रद्धानिधि में अपना नाम जुड़वा लिया। इसका प्रमाण है जनसंपर्क संचालनालय मध्यप्रदेश का आदेश क्रमांक 5081/ज.सं.सं./ अधिमान्यता (श्र.नि.)/13-14 भोपाल, दिनांक 26 जुलाई 2013। आयुक्त जनसंपर्क श्री राकेश शर्मा ने प्रथम सूची जारी की हैं उसमें 48 नम्बर पर इनका नाम प्रदर्शित हैं जिसमें बकायदा क्रमांक 48श्री राधा वल्लभ शारदा, भोपाल जन्म्तिथि 01/02/1943 आयु 69 वर्ष दर्शाई गई हैं। अब जब श्रद्धानिधि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये शारदा ने साजिश की है तो अब एक प्रकरण 420 का और दर्ज किया जा सकता है आखिर शासन को और प्रदेश के पत्रकारों का शोषण करने वाला शारदा को इस योजना के लाभ लेने की क्या आवश्यकता थी।