भदोही के पत्रकार सुरेश गांधी सोमवार को जनसुनवाई के लिए वाराणसी आये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरपरसन जस्टिस एसएच केजी बालाकृष्णन से मिलकर अपनी समस्या बताई। उन्हें सौंपे आवेदन के जरिए उत्पीड़नात्मक कार्रवाई को विस्तार से बताया। चेयरपरसन और आयोग के सचिव श्री परासर जी ने आश्वासन दिया है कि आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है। जांच एवं पूछताछ चल रही है, आपको न्याय मिलेगा। दोषी अफसरों को बख्शा नहीं जायेगा।
गौरतलब है कि इसके पहले आयोग के असिस्टेन्ट रजिस्ट्रार(ला) ने आईजी को पूर्व में भेजे गए नोटिस का जबाब न देने पर रिमाइंडर भेजा है। जिसमें कहा गया है कि नियति तिथि 9 दिसम्बर तक जवाब न मिलने पर कार्रवाई होगी। धारा 113 एनएचआरसी के तहत कार्रवाई होगी। उल्लेखनीय है कि श्री गांधी को पुलिस ने हाईकोर्ट के रोक व जिला न्यायालय से अंतरिम आदेश तक जमानत मिलने के बावजूद कोतवाल संजयनाथ तिवारी व उनके हमराहों ने सरेराह बेइज्जत कर मारा-पीटा और फर्जी मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट लगाई है और कोतवाल ने मकान मालिक विनोद गुप्ता व सुमित गुप्ता निवासी काजीपुर रोड भदोही के साथ साजिश कर न सिर्फ रंगदारी मांगने की झूठी रपट दर्ज कर दी बल्कि कमरे का ताला तोड़कर सारा सामान लुटवा दिया है। जिसमें विवाह मिले व 15 सालों में कमाई की गृहस्थी के सारे सामान, दो कम्प्यूटर सेट, कैमरा, विडियों कैमरा, आज तक लोगो, आलमारी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, रंगीन टीवी, पंलग, कपड़े व कमरों में रखे अन्य सभी कीमती लगभग 20 लाख के सामान उठा ले गये।
श्री गांधी के प्रशासनिक व पुलिस उत्पीड़नामक कार्रवाई के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डीएम, एसपी व कोतवाल समेत प्रमुख गृह सचिव को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। इसके अलावा पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमों पर रोक लगा दी है। इधर श्री गांधी ने आईजी जोन से मिलकर कहा है कि मकान मालिक के खिलाफ न्यायालय से रपट दर्ज होने के बावजूद पुलिस न ही लूट के सामानों की बरामदगी और ना गिरफतारी ही कर रही है। इससे इस ठंड में बच्चों की पढाई लिखाई, रहन-सहन प्रभावित तो हो ही रहा है प्रार्थी अपनी पत्रकारिता भी नहीं कर पा रहा है।