Madan Tiwary : यूपी पुलिस वर्दीवाली आतंकवादी है. मेरे साथ भी दो वाकया हुआ… पहला 24 मार्च को पर्चा बांटते समय जब तीन दरोगाओं ने मिलकर पर्चा बांटने से रोकने की कोशिश की… दूसरा वाकया आज का है.. अस्सी घाट पर किनारे बिछी चौकी पर कुछ देर के लिए बैठने जा रहा था.. तभी एक पुलिस वाले ने विसिल बजाया और चिल्लाया- इधर आइये..
मैंने कहा- तुम यहां आओ..
न वो आया, न मैं गया..
फिर उसने पूछा- क्या करने जा रहे हैं
मैंने कहा- आत्महत्या… अपने एसपी से पूछो, बचाव की व्यवस्था है?
एक नाव में बैठे हुए मछुआरे आश्चर्य से देखने लगे कि कौन है ये पुलिस को इस तरह से जवाब देने वाला. साफ़ जाहिर था मेरा जवाब अप्रत्याशित था उनके लिए जो पुलिस के भय में जीते हैं.
मैंने फिर पूछा- कोई रेस्क्यू टीम?
खैर बेचारा खामोश हो गया. लेकिन मुझे रोकने का कारण समझ में नहीं आया. उसी समय लोग नावों पर फोटो खिंचवा रहे थे… एक नाव भी तैर रही थी.
बनारस में पुलिस द्वारा पत्रकार को पीटे जाने की घटना से बहुत दुख हुआ. उसी संदर्भ में मैं ये लिख रहा हूं. देखें लिंक- http://goo.gl/MnK8se
यूपी में पुलिस वाकई रंगदार है. मुलायम जी संभल जाओ, अन्यथा "कुर्सी खाली करो जनता आती है" हो जाएगा..
बिहार के गया जिले के जाने-माने वकील और पत्रकार मदन तिवारी के फेसबुक वॉल से. मदन तिवारी इन दिनों बनारस में लोकसभा चुनाव के प्रचार में हिस्सा लेने आए हुए हैं.