अमर शहीद लाला जगत नारायन का पंजाब केसरी अखबार अपने स्थापना के उद्देश्यों के रास्ते से भटक गया है। देश की आजादी की लड़ाई में शामिल रहले और पंजाब में खालिस्तान समर्थकों के विरोध अपने जान गवाने वाले लाला जगत नारायण के पुत्र और पौत्र इस वक्त उनकी कुर्बानी की आड़ में गलत तरीकों से सिर्फ रुपए कमाने में लगे हैं। पिछले कई चुनावों से पेड न्यूज छापने वालों के अग्रणी पंक्ति में शामिल रहने वाले इस अखबार ने तो इस बार हद ही कर दिया है।
चुनाव से जुड़ी कोई खबर नहीं छापने वाले इस अखबार के निदेशक अपने ब्यूरो और फिल्ड कर्मियों से न्यूज के साथ विज्ञापन का आरओ मांगा जा रहा है। इसकी वजह से कर्मचारी और रिपोर्टर काफी परेशान हैं। सुनने में यह भी आया है कि रिपोर्टर काफी परेशान हैं और प्रत्याशियों के पास जा नहीं रहे हैं। प्रत्याशियों को कहना है कि पहले न्यूज तो छापों फिर विज्ञापन की बात करों। रिपोर्टर कह रहे हैं कि पेड न्यूज का पैसा दीजिए किन्तु चुनाव आयोग के डंडे के कारण प्रत्याशी पेड न्यूज के नाम पर घबरा जा रहे हैं। बाकी अखबार उन प्रत्याशियों की खबरें छाप रहे हैं। ऐसे में पंजाब केसरी को कौन विज्ञापन देगा। रिपोर्टर तो अब कहने लगे हैं कि पंजाब केसरी पंजाब, हरियाणा और हिमाचल,जम्मू एंड कश्मीर के साथ ही अभी अपने अस्तित्व के लिए लडऩे वाले राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह का पेड न्यूज का फरमान जारी किया है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.