दैनिक हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर को लेकर चर्चाओं का बाजार इन दिनों गर्म है. इसकी वजह बना है प्रिंटलाइन से उनका नाम हटाया जाना. पहले दिल्ली एडिशन में प्रधान संपादक के रूप में शशि शेखर और वरिष्ठ स्थानीय संपादक के रूप में प्रताप सोमवंशी का नाम जाया करता था. अचानक जाने क्या हुआ कि प्रधान संपादक और शशि शेखर, दोनों की प्रिंट लाइन से हटा दिए गए और वरिष्ठ स्थानीय संपादक की जगह संपादक के रूप में प्रताप सोमवंशी का नाम जाने लगा है.
इससे प्रथम दृष्टया तो यही लगता है कि शशि शेखर की विदाई हो चुकी है और प्रताप सोमवंशी को प्रमोट करके संपादक बना दिया गया है. इस बारे में जब हिंदुस्तान अखबार से जुड़े कुछ लोगों से बात की गई तो उनका कहना है कि तकनीकी कारणों से शशि शेखर का नाम प्रिंट लाइन से हटा है और यह भी कि, अब सारे एडिशनों में स्थानीय संपादक की जगह संपादक शब्द ही लिखा जाएगा. दिल्ली में प्रिंटलाइन में यह बदलाव कर दिया गया है. बाकी जगहों पर जल्द ही इसे अमली जामा पहनाया जाएगा.
इन लोगों का यह भी कहना है कि हर जगह जो मुकदमें वगैरह होते हैं, उसमें शशि शेखर को भी पार्टी बना दिया जाता है, इसी से बचने के लिए उनका नाम प्रिंटलाइन से हटाया गया है. हालांकि इन लोगों का यह भी कहना है कि जल्द ही उनका नाम फिर से प्रिंटलाइन में प्रधान संपादक के रूप में जाने लगेगा. तब तो सवाल यही उठता है कि अगर नाम फिर से जाने लगेगा तो अभी हटाया क्यों?
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि शशि शेखर का दौर हिंदुस्तान में लंबा चल गया है और उनकी जगह प्रबंधन किसी दूसरे प्रधान संपादक की तलाश में है. कहीं ऐसा तो नहीं कि पुराने के जाने और नए को लाने की यह पृष्ठभूमि बनाई जा रही हो और इसे शशि शेखर के लोग तकनीकी कारण बताकर खुद को संतुष्ट करने की कोशिश कर रहे हों. यह तो शाश्वत सत्य है कि शशि शेखर को एक न एक दिन अखबार से जाना ही है क्योंकि अखबार में मालिक तो बिलकुल नहीं हैं, सेलरीड चीफ एडिटर हैं. इसके पहले भी बहुत से प्रतापी संपादक हिंदुस्तान में आए और गए. कुल मिलाकर हिंदुस्तान में शशि शेखर को लेकर कयासों का दौर चरम पर है.