आगरा में पुलिस ने अमर उजाला के दो पत्रकारों को सोमवार की रात को एक घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा। एत्मादपुर इलाके में साम्प्रदायिक तनाव की तस्वीरें खींचने पर एसएसपी को गुस्सा आ गया था। एसएसपी ने कैमरे की चिप मांगी। अमित और मनीष नामक पत्रकारों ने चिप देने से मना कर दिया। इसके बाद एसएसपी के आदेश पर दोनों को थाने में बैठा लिया गया। एसएसपी ने दोनों को मां-बहन की गालियां दी। इनमें से एक फोटोग्राफर है और एक रिपोर्टर।
इस खबर को हिन्दुस्तान अखबार ने प्रकाशित किया है। लेकिन अमर उजाला चुप बैठा रहा। उसके संपादक ने केवल पत्रकारों को छुड़ाने की मेहनत की। पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में अमर उजाला में एक शब्द नहीं लिखा गया है। अमर उजाला के अधिकारियों ने अपने दोनों पत्रकारों को शांत रहने को कह दिया है। आगरा के पत्रकारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। हर पत्रकार गुस्से में है। खून खौल रहा है। जब अमर उजाला ही चुप है तो कैसे दूसरे पत्रकार इसका विरोध करें। हद कर दी संपादक ने।
एक दिन पहले ही एसएसपी ने आगरा के तीन प्रमुख अखबारों के संपादकों के साथ बैठक की थी। इसमें पुलिसकर्मियों के साथ एसएसपी ने बताया था कि कैसे अखबारों में खबरें प्रकाशित की जानी चाहिए। एसएसपी ने अपने मनमुताबिक खबरें प्रकाशित करने के लिए दबाव भी बनाया था। इसी का नतीजा था कि रात को एसएसपी का मन बढ़ गया और अमर उजाला के पत्रकारों को हिरासत में ले लिया। संपादक जी कुछ बोल भी नहीं रहे हैं।