Priyabhanshu Ranjan : बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया जाना कहाँ तक उचित है ??? उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाना कहाँ तक उचित है ??? मेरी समझ में ये तिरंगे का सम्मान तो कतई नहीं है !!!
Mayank Saxena : जिस तरह से तिरंगे का इस्तेमाल आज देखा, लगता है कि राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान का विरोध का प्रोपेगेंडा करने वाले सभी महानुभावों को अब चुप बैठ जाना चाहिए….
पत्रकार द्वय प्रियभांशु रंजन और मयंक सक्सेना के फेसबुक वॉल से साभार.