: अर्थवस्था में सुधार के बाद कंपनी लांच करेगी प्रोजेक्ट : टेलीवीजन न्यूज चैनल और इंटरनेट पर खबरों की शीघ्र पहुंच ने अखबारों की दुनिया को कहीं ना कहीं बड़ा धक्का दिया है। खबरों के आधुनिकीकरण के इस दौर में प्रिंट मीडिया संस्थान पीछे छूटते नजर आ रहे हैं, तो ऐसे भी कई संस्थान देखे गए जिन्होंने खबरों की इस दौड़ में पीछे छूटने की वजह से अपने संस्थानों पर ताला लटका दिया।
लेकिन ऐसे मुश्किल दौर में डीबी कॉर्प एक मात्र ऐसी प्रिंट मीडिया कंपनी है जो पूरी सफलता के साथ अपना कारोबार चलाने का दावा करती है। हालांकि कंपनी ने बिहार में अपने अखबार की लॉन्चिंग को कमजोर अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए फिलहाल टाल दिया है। प्रिंट मीडिया के मुश्किल हालातों में डीबी कॉर्प कैसे कर रही है अपने कारोबार का संचालन बता रहे हैं कंपनी के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल –
डीबी कॉर्प के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल का कहना है कि मौजूदा दौर में डीबी कॉर्प भारत में एक मात्र ऐसी कंपनी है जो प्रिंट मीडिया कारोबार का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। वहीं अखबरों के साथ-साथ कंपनी की अच्छी पकड़ एफएम चैनल और इंटरनेट मीडिया में भी है।
गिरीश अग्रवाल का कहना है कि प्रिंट मीडिया कंपनी का मुख्य कारोबार है और कंपनी की आय का 97 फीसदी हिस्सा अखबारों से आता है, जबकि करीब 3 फीसदी की आय माय एपएम रेडियो चैनल से होती है। वहीं दैनिक भास्कर कंपनी का प्रमुख हिंदी अखबार है। इसके अलावा कंपनी 13 राज्यों में 7 भाषाओं में अखबार निकालती है। दैनिक भास्कर के अलावा दिव्य भास्कर, बिजनेस भास्कर, दिव्य मराठी, डीबी स्टार, सौराष्ट्र समाचार ऐसे दैनिक अखबार हैं जिनका संचालन कंपनी करती है।
गिरीश अग्रवाल का मानना है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में कंपनी के कारोबार की अच्छी पकड़ है। वहीं हिंदी और गुजराती में कंपनी के अखबार नंबर 1 हैं, जबकि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दिव्य मराठी सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार है। गिरीश अग्रवाल के कहना है कि नंबर 1 की कुर्सी पर बैठने से विज्ञापन आय जुटाने में अच्छी मदद मिलती है।
गिरीश अग्रवाल के मुताबिक महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में लॉन्च से कंपनी को फायदा हुआ है। वहीं 31 मार्च को कंपनी महाराष्ट्र के शोलापूर में दिव्य मराठी का पांचवां संस्करण लॉन्च करेगी। हालांकि कंपनी ने बिहार के लॉन्च को फिलहाल टाला है, कंपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के बाद ही बिहार में अपना अखबार लॉन्च करेगी। साभार : मनी कंट्रोल