20 घंटों के भीतर narendramodiplans.com साईट का इस तरह बंद होना वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है. गौरतलब है कि इस साईट पर कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था, सिर्फ तकनीक की मदद से नरेन्द्र मोदी पर व्यंग्य करने की कोशिश की गयी थी. खबर है कि कुछ अज्ञात दबावों के चलते डोमेन होल्डर को पहले ही दिन लोकप्रिय हो गयी ये साईट डिलीट करनी पडी. दूसरी तरफ मुम्बई में एक रेस्टोरेंट को सिर्फ इसलिए बंद करा दिया गया क्योंकि उसके बिल पर यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों का जिक्र था.
स्पष्ट है कि इस देश के राजनेताओं और उनके समर्थकों को किसी भी तरह के व्यग्य और कटाक्ष की कोई समझ नहीं है, चाहे वो सत्ता पक्ष के हो या अपोजिशन के. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगते ये सवालिया निशान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बढ़ती तानाशाही की प्रवृत्ति का संकेत हैं. सुना है नरेन्द्र मोदी ने रेस्टोरेंट पर हुए हंगामे के खिलाफ ट्वीट किया है कि "बर्दाश्त की भी हद होती है." लेकिन यहाँ कहना पडेगा कि दोहरे मापदंडों की भी हद होती है. दुखद है कि आज लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी का समर्थन तभी तक कर सकते हैं, जब तक अभिव्यक्ति उनके खुद के खिलाफ न हो. हम कोशिश कर रहे हैं कि ज़ल्द ही वेबसाईट के निर्माता से संपर्क हो सके. जिससे पता लगे कि उन्हे किस तरह और किसने वेबसाईट डिलीट करने पर विवश किया. और ये भी प्रयास है कि शीघ्र ही वो वेबसाईट दोबारा चालू हो सके.
चर्चित कार्टूनिस्ट Aseem Trivedi के फेसबुक वॉल से