हम लोगों के अज़ीज़ दोस्त कमालुद्दीन जो बोकारो से इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए काम करते थे, वे विगत तीन महीनों से जिंदगी और मौत से लड़ते लड़ते अंततः जिंदगी की जंग हार गए.
उनकी कैंसर से मौत हो गई. यह वही दोस्त है जो बोकारो में लादेन हांथी से लड़ कर जिन्दगी की जंग जीत ली थी. मगर कैंसर ने उनको अपने गिरफ्त में ले लिया. हम सब उनकी आत्मा के शांति के लिय उपर वाले से प्रार्थना करें.
Jhulan Agrawal के फेसबुक वाल से मिली सूचना पर आधारित.