दुखद समाचार। "चैन से सोना है तो अब जाग जाओ"….. कहने वाला असमय ही सो गया। राघवेन्द्र मुदगल का पटना में निधन हो गया। पिछले दिनों हार्ट अटैक के बाद पटना में उनका इलाज़ चल रहा था। परिजन भी साथ में हैं। आज पटना में ही होगा दाह संस्कार। मेरे सहपाठी राघवेन्द्र मुदगल की स्कूली शिक्षा बिलासपुर में हुई।
बाद में कालेज तक की पढाई अंबिकापुर छत्तीसगढ़ में हुई थी। उनके पिता आरटीओ में अधिकारी थे। अंबिकापुर से रिटायर हुए फिर वहीँ बस गए। राघवेन्द्र आकाशवाणी अंबिकापुर के ड्रामा आर्टिस्ट थे। यहाँ वो कैजुअल कम्पीयर भी थे। इप्टा अंबिकापुर में उन्होंने अपना अभिनय कौशल संवारा। फिर दिल्ली और चंडीगढ़ में एनएसडी के लोगों के साथ खूब काम किया।
फिल्म भोले शंकर के एक दृश्य में राघवेंद्र मुदगल
बीबीसी की कई डाक्यूमेंट्रीज़ में भी नज़र आये। जी न्यूज़ से जब क्राइम शो का आफर आया तो वो जाना नहीं चाह रहे थे, कहते थे कि मेरी मंजिल तो मुंबई है। तब बिलासपुर के मित्रों ने उन्हें जबरदस्ती दिल्ली भेजा था। मुदगल ने एक भोजपुरी फिल्म "भोले शंकर " में विलेन का रोल किया था जिसके हीरो मिथुन चक्रवर्ती थे। उन्होंने न्यूज़ एक्सप्रेस चैनल में भी काम किया।
कमल दुबे
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