भोपाल। देश के प्रीमियम समाचार अभिकरण 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया' के भोपाल कार्यालय के भवन पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। मध्यप्रदेश पुलिस का मुख्यालय इस पर कब्जा करना चाहता है। पुलिस हेडक्वाटर के गेट नं. 3 से सटे 'मोती बंगला' में पीटीआई का ऑफिस है, जो पीडब्ल्यूडी ने 1956 में प्रदेश बनने के साथ ही इसे किराए पर दिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार किराया अद्यतन है।
पिछले दिनों एडीजी योजना पवन जैन पीटीआई ऑफिस में बिना किसी को सूचित किए शाम के समय लावलश्कर सहित जा धमके और मातहतों को निर्देश देने लगे ये यहां से तोड़ दो, ये सड़क यहां तक चौड़ी कर दो, यहां पार्किंग बना देंगे। अपने स्टाफ से इसकी सूचना मिलने पर अगले दिन पीटीआई के साथी, डीजीपी नंदन दूबे से शिकायत लेकर पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि ये बिल्डिंग तो पुलिस की है, हमने पीडब्ल्यूडी को लीज़ पर दी थी. हमें बताया गया है कि आपको इसे खाली करने के लिए 25 नवंबर तक का समय दिया गया है। जबकि सच्चाई यह है क़ी पीटीआई पर धावा बोलने से पूर्व पुलिस ने किसी भी प्रकार की कोई सूचना या नोटिस नहीं दिया।
पुलिस की इस जबरिया कार्यवाही से पत्रकार जगत में हड़कम्प मच गया है और इसे लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश व्याप्त है। मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते पीटीआई के विरुद्ध कार्यवाही को नहीं रोका गया तो आंदोलन किया जायेगा।