कल पूरे महाराष्ट्र में पत्रकारों ने राष्ट्रीय पत्रकार दिवस को निषेध दिवस के तौर पर मनाया. महाराष्ट्र में पत्रकारों के उपर बढते हमले, पत्रकार पेन्शन योजना की मांग को लेकर सरकार का नकारात्मक रवैया, अधिस्वीकृति समिति गठित करने में हो रही देरी के विरोध में पत्रकारों के सोलह संगठनों द्वारा एक होकर बनाई पत्रकार हमला विरोधी कृती समिति ने राष्ट्रीय पत्रकार दिवस निषेध दिवस के तौर पर मनाने का आवाहन किया था. राज्य में इसको अच्छा समर्थन मिला.
पत्रकारों की मांगों को लेकर हो रही अनदेखी के विरोध में कल मुंबई में मंत्रालय में हुए पत्रकार कल्याण निधि की बैठक में मराठी पत्रकार परिषद के किरण नाईक ने बहिष्कर करके अपना रोष प्रकट किया. अन्य कुछ संगठन के प्रतिनिधियों ने भी बैठक पर बहिष्कार किया.
पुना, पिंपरी-चिंचवड, बीड, रायगड, नई मुंबई, नगर, औरंगाबाद, नागपुर समेत राज्य के 30 जिले और 320 तहसील एरिया में पत्रकारों ने हाथ पर काली पट्टी लगाकर काम किया और निषेध दिवस मनाया. पत्रकारों ने पत्रकार दिन के सरकारी कार्यक्रम पर बहिष्कार किया था इससे राज्य में शासन द्वारा आयोजित पत्रकार दिवस कार्यक्रमों का पूरी तरह बाजा बज गया. जिला माहिती कार्यालय में केवल ऑफिस स्टाफ के साथ यह दिन मनाया गया. राज्य में कहीं भी सरकारी कार्यक्रम को दस पत्रकार भी उपस्थित नहीं थे.
पत्रकार दिवस पर पत्रकारों का आंदोलन पूरी तरह से सफल होने का दावा पत्रकार हमला विरोधी कृती समिति ने किया है. समिति के निमंत्रक एस.एम. देशमुख ने आंदोलन मे शामिल राज्य के सभी पत्रकार संगठनों एवं पत्रकारों को धन्यवाद दिया है.