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मीडिया के चोट्टे करेंगे मीडिया के संकट पर मंथन!

Yashwant Singh : मीडिया के चोट्टे करेंगे मीडिया के संकट पर मंथन.. यानि तुम्हीं ने दर्द दिया, तुम्हीं दवा बताओ… कुछ एक को छोड़ दें तो इनमें से ज्यादातर पत्रकारिता के बाजारीकरण के अपराधी हैं, पत्रकारिता में सरोकार के हत्यारे हैं, पत्रकारिता के टीआरपीकरण के जिम्मेदार हैं, पत्रकारिता से आम आमदी और उसकी चिंताओं के खात्मे के पुरोधा हैं… इनमें से कई तो प्रोफेशनल बकचोद हैं, जहां देखा सेमिनार मीटिंग माइक तो चल दिए झोला उठा के… मैं जानता हूं कि देश के हजारों हजार अच्छे जर्नलिस्टों का इन सभी ने कभी न कभी जरूर दिल दुखाया है… मैं जानता हूं कि आप जर्नलिस्ट हो तो आपकी मजबूरी है इन चांडालों की परिक्रमा करना… मैं जानता हूं मैं यह सब कहूंगा तो ये लोग कहेंगे कि कुछ पागल फ्रस्ट्रेट चिल्लाते रहते हैं… मैं जानता हूं कि ये सब कभी न सुधरेंगे और मेरे जैसे कई लोग पागल होते रहेंगे… मेरी जान, तुम जैसे अच्छे और मेरे जैसे पागलों के द्वंद्व से निकले सबक से बहुत कुछ सीख समझ रही है नई पीढ़ी… जाओ जाओ एक महादलाल महामार्केटियर की तरफ से अच्छे खासे होटल में किए जा रहे मीडिया संकट पर आधारित आयोजन में अपनी कई बार दी गई दलाली की दलीलों को फिर दुहराओ…. ये भड़ास है, निकलेगी, तेरे खिलाफ भी, मेरे खिलाफ भी… जय हिंद.

Yashwant Singh : मीडिया के चोट्टे करेंगे मीडिया के संकट पर मंथन.. यानि तुम्हीं ने दर्द दिया, तुम्हीं दवा बताओ… कुछ एक को छोड़ दें तो इनमें से ज्यादातर पत्रकारिता के बाजारीकरण के अपराधी हैं, पत्रकारिता में सरोकार के हत्यारे हैं, पत्रकारिता के टीआरपीकरण के जिम्मेदार हैं, पत्रकारिता से आम आमदी और उसकी चिंताओं के खात्मे के पुरोधा हैं… इनमें से कई तो प्रोफेशनल बकचोद हैं, जहां देखा सेमिनार मीटिंग माइक तो चल दिए झोला उठा के… मैं जानता हूं कि देश के हजारों हजार अच्छे जर्नलिस्टों का इन सभी ने कभी न कभी जरूर दिल दुखाया है… मैं जानता हूं कि आप जर्नलिस्ट हो तो आपकी मजबूरी है इन चांडालों की परिक्रमा करना… मैं जानता हूं मैं यह सब कहूंगा तो ये लोग कहेंगे कि कुछ पागल फ्रस्ट्रेट चिल्लाते रहते हैं… मैं जानता हूं कि ये सब कभी न सुधरेंगे और मेरे जैसे कई लोग पागल होते रहेंगे… मेरी जान, तुम जैसे अच्छे और मेरे जैसे पागलों के द्वंद्व से निकले सबक से बहुत कुछ सीख समझ रही है नई पीढ़ी… जाओ जाओ एक महादलाल महामार्केटियर की तरफ से अच्छे खासे होटल में किए जा रहे मीडिया संकट पर आधारित आयोजन में अपनी कई बार दी गई दलाली की दलीलों को फिर दुहराओ…. ये भड़ास है, निकलेगी, तेरे खिलाफ भी, मेरे खिलाफ भी… जय हिंद.

Pankaj Jha : जय जय.
 
Amit Modi : भाई मैं जानता हूँ आशुतोष , पुण्य प्रसून वाजपायी और राहुल देव अच्छे इनसान हैं जबकि श्रवण गर्ग , आलोक मेहता बहुत बड़े दलाल हैं।
 
Dinesh Mansera : yahan swarg ki sirhi dhonde ja sakti hai per sonia america mei kis hospitail mei bharti thi ye koi nahi dhoond saka…bhartiya media.ki jai ho.
 
Amit Modi : इन 12 में से तीन का नंबर है मेरे पास किसी को चाहिए तो ले ले ।
 
David Vinay : आलोक मेहता कैसे बहुत बड़े दलाल हैं ।
 
Sudhanshu Chouhan : हा..हा..हा….सही कहा……गुरु जी भाषण देंगे और चेले-चमचे सुनेंगे…….
 
Amit Modi : कभी देखा, सुना या पढ़ा है इसको बीजेपी के लिए एक भी अच्छा शब्द बोलते ….कांग्रेसी दलला है ये ।
 
Neeraj Sharma : ese per manthan ki jarurat hay sir, lage rahe
 
Ajit Tripathi : यशवंत जी एकदम सत्य है
 
Rajendra Chaturvedi Chaturvedi : इन 12 में से छह लोग ऐसे हैं, जो शुद्ध दलाल हैं। तीन खांटी पत्रकार हैं, तो तीन मध्यमर्गीय। यानी-फिफ्टी, फिफ्टी।
 
David Vinay : अकेली पत्रकारिता ने ही इस लोकतंत्र को बचाया|
 
Yashwant Singh : डेविड विनय जी, लोकतंत्र का मतलब हमें समझाएं. और ये बची है तो देश के किस हिस्से में व किस रूप में?
 
Yashwant Singh : चोट्टों का राज है, चोट्टों का न्याय है, चोट्टा ही बड़ा पत्रकार है, चोट्टई का आलम है सो चोट्टों का कहना है लोकतंत्र कायम है…. (डेविड विनय जी, इसे अपने पर मत लीजिएगा, एक जनरलाइज सेंटेंस है, जिससे आप भी सहमत होंगे. आज थोड़े गुस्से में हूं इसलिए भड़ास निकाल रहा हूं.)
 
Amit Modi : बचा है तो केवल किताबों में …. जो कॉपी पेस्टींग करके चले गए…अंबेदकर और मंडली
 
Kapoor Pankaj : grt……………..
 
Yashwant Singh : उपरोक्त महान पत्रकारों को ध्यान से देखें, इनमें से एक अंबानी के नौकर हो चुके हैं, वे अब कभी अंबानी की चोट्टई के खिलाफ खबर नहीं दिखा सकेंगे, एक सज्जन महादलाल के यहां महासंपादक हैं, एक सज्जन एक भ्रष्टतम कांग्रेसी और हत्यारे नौजवान के मीडियाहाउस में हालफिलहाल तक नौकरी कर रहे थे, एक सज्जन टीवी के टीआरपीकरण में यहां तक गिर गए कि अब उन्हें सिर्फ और सिर्फ अपना पद व अपनी लाखों की सेलरी याद रहती है, बाकी कुछ नहीं. वे बताते हैं कि पत्रकारिता माने किसी भी तरीके से आ जाए टीआरपी. एक महाविद्वान टाइप के सज्जन हर चीज में अच्छाई खोज लेते हैं, इस प्रकार भ्रष्टाचार व कारपोरेट को भी दुनिया का ट्रेंड बताकर स्वीकारते हैं और उसी में बांसुरी बजाते रहते हैं, यह भी सच वह भी सच सब सच सच … टाइप की धुन निकालते हुए…. एक सज्जन काफी समय से खुद के नाम के नीचे वरिष्ठ पत्रकार लिख रहे हैं लेकिन उनकी महानता बस इतनी है कि उन्होंने एक बड़े विदेशी मीडिया हाउस के प्रतिनिधि के बतौर भारत में काम करते हुए जमकर लाइजनिंग की, खूब माल बटोरा, खूब रिश्ते नाते बनाए… उनकी इतनी ही तारीफ है… इसमें एक सज्जन तो कांग्रेस के घोषित प्रवक्ता हैं, उन्होंने तेल लगाकर खुद को और अपने मालिक को पदम दिलवाया और आज भी तेलहाई जारी है सरकार की… किन किन की कितनी कितनी कहें… इन्हीं में एक सज्जन हैं जो जीवन भर अपने अधीनस्थों को मां बहिन गरियाते रहे, जहां रहे वहां नरक फैलाया, अपने आदमी वह भी बिलो द एवरेज टाइप फिट किए टैलेंटेड लोगों को बाहर किया और खुद को वह महानतम संपादक गिनते हैं…. एक टीवी के युवा संपादक दिख रहे हैं जो खुद तो अच्छा खासा माल पीट चुके हैं लेकिन इनका स्टाफ कई महीनों से सेलरी के लिए तड़प रहा है… किन किन की कितनी कितनी कहें…
 
Chandan Srivastava : prabhu chawla ko bhi le lete baki ki kami poori ho jati
 
Yashwant Singh : सही कहा चंदन भाई आपने. बिलकुल सत्य वचन. प्रभु चावला को कुछ चैनल वाले अपने यहां एक्सपर्ट के बतौर बिठाते हैं और महान पत्रकार बताकर उनसे प्रवचन कराते हैं… चोर चोर मौसेरे भाई वाली कहावत इन्हीं हालात के लिए बनी होगी…
 
Shweta Singh : आज शायद ही कोई क्षेत्र है जो बाजारीकरण से अछूता है। मगर मीडिया भी उसकी गिरफ्त में आ जाएगा..यह किसने सोचा था। सच, हकीकत और असली चेहरा का दावा करने वाले अखबार या मीडिया चैनल कितनी सच्चाई बयान करते हैं… यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। आधा सच..अधूरा सच ही सामने आता है, इससे भला कौन इनकार कर सकता है।
 
Shyam Parmar : आज मीडिया देश की एक बड़ी इंडस्ट्री है, ये सभी लोग इस इंडस्ट्री के पुरोधा…
आज होना वही है जो ये लोग चाहे… स्याह या सफ़ेद…
कुछ की गैर-जिम्मेदाराना हरकते है तो जिम्मेदारियां भी इन्ही की हैं,
कुछ लोग इनकी गतिविधियों पर कटाक्ष करते ही रहते है,
उन्हें क्या समझा जाता है ये आप बता ही चुके है,
मगर मेरा मानना है कि वक्त बदल रहा है, देश बदल रहा है,
देशवासियों के नए रुख के चलते जब आज हमारे देश के राजनेता अपनी राजनीति को बदलने के लिए मजबूर हो गए है, तो उम्मीद की जाए कि आने वाले समय में मीडिया की सब खामियां भी धीरे धीरे दूर हो जायेगीं,
मगर उसके लिए मौखा भी इन्ही पुरोधाओ को ही देना पड़ेगा,
कोई सरकार, कोई राजनेतिक पार्टी को हिम्मत कर नहीं सकती मीडिया को सुधारने की….
 
Jeet Bhati : Bahan ke bhai h sare M.C
 
Amit Modi : तो BC लिखना था ।
 
Vikram Adetay : बड़े कहे जाने वाले ये पत्रकार योग्य हो सकतें हैं ,अपने वातानुकूलित कक्षों में बैठ कर , पन्ने के पन्ने भर सकते हैं , मगर न तो इन्हें कस्बाई पत्रकारों के हितों की कोई जानकारी है न परवाह प़र बड़े अख़बारों की कुर्सी प़र काबिज इन लोगों के पास पैसा और मंच है , जिसके बल प़र ये अपनी मनमानी औरों प़र थोपते रहतें हैं .
 
Shiv Singh : ‎PaidMedia ke chor hau ye sab….4th pillar ko bech khaya hai haramkhoro journos ne.
 
Yashwant Singh : एक महिला पत्रकार ने खुद का नाम न छापने की शर्त पर एक कमेंट भेजा है, जो यहां रख रहा हूं- ''bhai, aapka post padhkar lagt hai..ki naukari chhorkar mai bhi in sabko dil kholkar gariyaoon.. par kya karein… waqt ne naukar ban'ne par majboor kar diya hai warna in chotto ki kaargujariya hamein bhi khooob dikhti hain. vaise personal comment hai. magar aap chahein to mera naam hatakar paste kar dijiye''
 
Shiv Singh : ‎@amit modi ji, I want all those contact nos. If you can provide me via message.
 
Vishu Yadav : in subko saans lene tak k paise milte hai…inke liye India mein sub free hai….
 
Sandip Thakur : yeh 12 journalist,kisi ki salary 3 lakh per month se kam nahi.yeh kare gae media ka manthan.what a joke…
 
Abhijit Sharma : mujhe to lagta hai ki yashwant ji ko media mantan me nahu bulane se kaphi taklif me hai… or aapne aap ko apmanit mahsush kar rahe hai.. or bhadas nikal rahe hai…
 
Amit Sharma : dosto patrakarita to pt. makhan lal chaturvedi ke sath hi chali gayee thee ye to ab 500 ke note ki dukan dari hai
 
Amit Sharma : paise do news ruke paise do news chale
 
Amit Sharma : illetrate or bevkoof log jaankari ke bal pe buro cheif bane baithe hai jo 500 ke note ke liye coverage karte hai
 
Amit Sharma : shame on journalism
 
Amit Sharma : yashwant bhai add req. bhejiye mai aapko add nhi kr pa rha hu
 
VK Sharma : SACH KAHNE AUR LKHNE KEE JURRAT KARNE WALE KALAM KE SIPAAHI KO NAMASKAAR.. SABHI TO NAHI MAGAR KUCH NAKCHADHE AUR TATHAKATHIT BADE PATRKAAR HAIN JO PADOSIYON KE PAISON KEE CHAAY PEEKAR BADE BANE HAIN AUR AAJ APNE AAP KO TURRAMKHAAN MAANATE HAIN.. AISE LOGON SE BACHNAA HEE PADEGAA … APNI MEHNAT SE APNI PEHCHAAN BANAANE WAALE AUR JAMEEN PAR RAHKAR JANTAA KO SAHI MAARG DIKHAANE WAALE PATRKAARON KO MERA SALAAM.. JAI HIND..
 
Govind Pratap Singh : Yashwant Bhai, PRANAAM. for such a clearcut statement….u r brave man.
 
Amitabh Singh : WAH YASHWANT JI kya bat kahi aap ne, ab billiya hi dudh ki rakhwali karengi………..
 
Shubham Srivastava : यशवंत सर इस मंथन के बारे मे सुना, मैं इस दुनिया मे नया ज़रूर हू पर इस का ऐहसास मुझे है , सच पूछिए तो नये लोगो लोगो का शोषण,मैनेजमेंट केवल ये 'बुड्ढे' ही नही सभी किया करते है …. बड़ी चाहत थी मीडीया मे काम करने की, घर वालो के विरोध के बावजूद इधर आया , अब लगता है ग़लत किया …… खैर जो होता है अcचे के लिए होता है ( पुण्य जी नेक इंसान है … पर गेहू मे घुन तो पिसता ही है )
 
Digvijay Singh Rathore : yashwant bhai aap ne to fb par hi media manthan kar diya ab wo log kya karege.
 
Abhijit Sharma : yashwant ji aap kisi na kisi madhyam se bhadas mikalte hai..par sayad aapko nahi pata esi karan se aapke ref-… pe jab koi nokri magne jata hai to kuchh nahi milta hai.. khair bhadas4media ko mai like karta hu par.. jis lehje me aap facebook per gariyate hai… wah aap ko sobha nahi deta hai. aagar aap aapne aap ko patrakar mante hai..
 
Abhijit Sharma : khair 1 bat mai bhi manta hu ki aapki dukan tabhi chalegi jab ki gali- mar kutai- or aaslilta proste rahe.. dukan band… nam band…or yashwant bhai ye nahi chahte.. media me 100 safal insan hoga jada se jada or asafal ki ginti nahi or sayad aap un lakho asafal logo ke neta banne ki hor me lage hai… jahir si bat hai boss ko pichhe nam badal kar bhadas nikalne ki aadat to purani hai logo ki… or eska fayada uthana koi aapse sikhe… man gaye aapko..yashwant ji….maja bahut lete hai aap bhi.. ..hamare shabdo me kahe to 1 dam sweetpoison hai aap…
 
Rpt Tripathi : तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग, कुछ तो MC हैं कुछ बहुतै (महा) MC
 
प्रमोद रिसालिया : kya mediamanthan karne ke liye ye hi hai ….phir ravish bhai ko kyon kahte hai ki wo nagitive hai….in chahron se badkar to koi or nagitive to ho hi nahi sakta yashwnt bhai..
 
Madan Tiwary : ‎Yashwant Singh बात सही है लेकिन एकाध सही चेहरे भी हैं तस्वीर में । वैसे क्या आपको नही बुलाया गया इसलिये नाराज हैं आप ?
 
Dilnawaz Pasha : इसमें हम जैसे छुटभैय्ये आमंत्रित हैं या नहीं….
 
Devender Manjhi : Badhaai, saare fuse bulbs aik saath ikatthe karne ke liye waakai aap badhaai ke paatra hai
 
Ravi Shekhar : कुछ सकारात्मक निष्कर्स निकलेगा या नहीं ?
 
Chanchal Bhu : भाई यशवंत जी १ हम आपसे १०० फीसदी सहमत हैं . इन्होंने मुल्क तो नहीं कह सालता क्यों कि इनकी इतनी औकात ही नहीं है, लेकिन समाज के एक टुकड़े को चूतिया तो बनाया ही है . और उसी के सहारे एक हो जानी या ग्यारह हो जायं ..
 
Yashwant Singh : ‎Madan Tiwary घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें, किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए…
 
Madan Tiwary : हाहाहाहाहा
 
Yashwant Singh : लगता है बच्चा हंस दिया 🙂
 
Chanchal Bhu : इनमे से अनेक को जानता हूँ जिन्हें पत्रकारिता की तमीज नहीं है लेकिन उनके पास दो चीजें हैं जो हमारे पास नहीं हैं ..बाकी आप बताईये वो दो चीजें क्या हैं ?
 
Ziaur Rahman Ncusi : yaswant g kya karein ham badlaaw chahte hi nahi
 
Chandan Bangari : m………a…..n..t….h…a..n gajab
 
Mukesh Misra : भाई साहब, ये देश की विडम्बना है कि गरीब लक्ष्मी पूजा मनाता है, अनपढ़ सरस्वती पूजा रखता है, गद्दार शासन करता है, अपराधी चोर पकड़ता है और फरेबी देश को सच बताने का दावा करता है.
 
Deependra Mishra : waah sir dil ki baat kah di thx
 
Arvind Vidrohi : kosis karta hun is seminar me jakar Inke Vichar sunne ki
 
Shravan Kumar Shukla : sahi kaha sir ji.. magar mere jaise log shyad hi jaayen..
 
Md Ali : hahahaah..gd one! couldnt hv agreed more!
 
Ashutosh Tiwari : sir very well said inmen se kuch backchodon ko to maine bhi dekha hai jo journalism ke naam par oral dysentery karte rahte hain par mera sawal aap jaise varishthon sai hai ki aakhir ye wanha bane kaise hue hain..

Parmod Suthar : kya mediamanthan karne ke liye ye hi hai ….phir ravish bhai ko kyon kahte hai ki wo nagitive hai….in chahron se badkar to koi or nagitive to ho hi nahi sakta yashwnt bhai..
 
Harish Sharma : kya baaki log apna photo waha nahi dekkhna chahte…
 
Rajesh Bharti : in 12 me ek sabse kam umar ke ek sampak ji ka kissa mujhe yad hai. ghatana shayed 2004-05 ki hai. sampadak ji ko unke office ke bahar parking me rat 1.30 par ek car me noida sector 39 police ne me ek mahila reporter ke sath pakad liya tha…patrakar doston ne bhag-dor kar unhe chhuda to liya par police ne rat bhar dono ke jamkar khabar li. jab-bab wo khud ko patrakar batate up police unke pichhwade par dande barsati….aj sampadak ji studio me gyan bante hain.
 
Puneet Shukla : you are right alok mehta to ek national party ka agent hai,sanjeev srivastava also seems to be good.Patrakarita ka ek bara dalal rajeev shukla congress ka leader aur bcci ka chaipnion hai
 
Puneet Shukla : punya prasoon ji ek sachhe patrkar lagta hai

यशवंत सिंह के फेसबुक प्रोफाइल से.

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