पटना। मीडिया ट्रायल पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने शनिवार को कहा कि इससे अभियुक्त के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित धारणा बनती है। जस्टिस कबीर ने एक कार्यक्रम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से बातचीत में कहा कि मीडिया ट्रायल काफी चिंता का विषय है। मेरा कहना है कि यह नहीं होना चाहिए। मीडिया ट्रायल होने से अभियुक्त के प्रति पूर्वाग्रह (प्रीज्यूडिस) से ग्रसित धारणा बनती है। फैसला अदालतों में ही होना चाहिए।
मीडिया ट्रायल के कारण अदालतों के निर्णयों पर पड़ने वाले प्रभाव पर जस्टिस कबीर ने कहा कि मेरा व्यक्तिगत विचार भी सभी लोगों जैसा है। सभी लोगों का कहना है कि मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। चीफ जस्टिस पूर्वी जोन न्यायिक सम्मेलन में भाग लेने आए थे। दिल्ली में मेडिकल की एक छात्रा के साथ गैंग रेप की घटना के बाद किशोर अपराध कानून में उम्र सीमा को घटाने की हो रही मांग पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला सिर्फ संसद ही कर सकती है। संसद को ही इस संबंध में कानून बनाने का अधिकार है।
पूर्व एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में प्रमुख गवाह उसकी मां अनुराधा शर्मा को मिल रही धमकी और बाद में उनके (अनुराधा के) आत्महत्या करने पर चीफ जस्टिस ने कहा कि यह बहुत दुखद है। हम पहले से ही कह रहे है कि गवाहों की सुरक्षा होनी चाहिए। गवाहों की सुरक्षा के मामले में और अधिक प्रगति होनी चाहिए। (एजेंसी)