यूपी में सपा सरकार बने अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन सपाइयों का आतंक शुरू हो गया है. आम कार्यकर्ता तो छोडि़ए अब सपा के जनप्रतिनिधि भी मारपीट करने पर उतारू हो गए हैं. कुछ दिन पहले चंदौली के सपा जिलाध्यक्ष के सह पर सपाइयों ने एक ट्रक ड्राइवर को बुरी तरह मारा पीटा था अब खबर है कि नियामताबाद ब्लाक के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने डीपीआरओ के साथ बदतमीजी करने के साथ उनके ऊपर हाथ भी छोड़ दिया, किन्तु किसी भी सरकार में रखैल की तरह काम करने वाली पुलिस उचित धाराओं में मामला दर्ज करने की बजाय हल्के फुल्के धाराओं में मामला दर्ज करके अपने काम की इतिश्री कर ली. कर्मचारियों में इससे रोष है.
बताया जा रहा है कि सपा सांसद रामकिशुन यादव के भाई एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख बाबूलाल यादव के पुत्र मुलायम सिंह यादव नियामताबाद के ब्लॉक प्रमुख हैं. वे किसी कार्य से चंदौली स्थित विकास भवन गए थे. उनके द्वारा किसी गलत कार्य किए जाने का दबाव डीपीआरओ (जिला पंचायत राज अधिकारी) विमल किशोर श्रीवास्तव पर बनाया जा रहा था, जिस पर डीपीआरओ ने इनकार कर दिया. इससे नाराज ब्लॉक पमुख मुलायम सिंह यादव ने डीपीआरओ को थप्पड़ मार दिया तथा गाली-ग्लौज करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली. सबके सामने मुलायम सिंह यादव ने डीपीआरओ को बुरी तरह बेइज्जत कर दिया.
डीपीआरओ पर सपा नेता द्वारा हमले की खबर मिलते ही राज्य कर्मचारियों में आक्रोश भड़क उठा. नाराज कर्मचारी ब्लॉक प्रमुख और सपा सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग लेकर सड़क पर उतर आए. उन्होंने तमाम कार्यालयों को बंद करा दिया. कर्मचारी यूनियन से जुड़े नेताओं ने आरोपी ब्लॉक प्रमुख की गिरफ्तारी न होने पर हड़ताल की चेतावनी दी. डीपीआरओ ने इस बात की लिखित सूचना कमिश्नर वाराणसी, जिलाधिकारी चंदौली और एसपी को दी परन्तु इस मामले में आरोपी ब्लॉक प्रमुख की गिरफ्तारी करने की बजाय पुलिस सत्ता पक्ष से जुड़ा मामला होने के चलते हाथ पर हाथ धरे बैठी रही.
कर्मचारियों के दबाव के बाद आज चंदौली कोतवाली में मामला दर्ज भी हुआ तो बहुत ही मामूली धाराओं में. अन्य लोगों के खिलाफ कानून की सारी धाराएं लगा डालने वाली पुलिस इस मामले में बस कोरम पूर्ति करती नजर आई. पुलिस ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 504, 506 एवं 332 के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकि राज्य सरकार के कर्मचारियों में पुलिस के रवैये को लेकर भी नाराजगी है. खबर है कि अगर पुलिस ने सही तरीके से कार्रवाई नहीं की तो कर्मचारी संगठन आंदोलन को लंबे समय तक चला सकते हैं. इस मामले में जिलाधिकारी शंभूनाथ का कहना है कि वे मामले की जांच के बाद ही विधिक कार्रवाई की जाएगी.
चंदौली से संतोष जायसवाल की रिपोर्ट.