नई दिल्ली: एनडीटीवी की पत्रकार बरखा दत्त ने साफ कहा है कि जिस बात का जिक्र यहां (नरेंद्र मोदी के भाषण में) हुआ, मैं इसके बारे में नहीं जानती। दत्त ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से इंटरव्यू के सिलसिले में मिलने गई थी, वह इंटरव्यू जो उन्होंने एनडीटीवी को दिया। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शरीफ ने 'एक अच्छा आदमी' करार दिया और कहा कि वह मनमोहन सिंह का पाकिस्तान में स्वागत करना चाहते हैं। बरखा ने बताया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू से पहले चाय नाश्ते पर कुछ लोगों से मुलाकात की जिनमें, कुछ अधिकारी और पाकिस्तानी पत्रकार शामिल थे। शरीफ ने मुझे भी चाय के लिए बुलाया, क्योंकि मैं वहां पर इंटरव्यू के लिए इंतजार कर रही थी।
अनौपचारिक बातचीत में पीएम नवाज शरीफ ने नाराजगी जाहिर कर कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच मुलाकात में पाकिस्तान ही केंद्र में रहा। शरीफ ने कहा कि भारत को इस मुद्दे पर सीधे पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। इसके आगे शरीफ ने गांव के दो लोगों के बीच की कहानी का जिक्र किया, जिसमें एक महिला होती है। उस कहानी का सार यह था कि दो लोगों के बीच का विवाद उन्हीं में सुलझाया जाना चाहिए और इसमें तीसरे को नहीं लाया जाना चाहिए।
बरखा ने कहा कि मेरी मौजूदगी में पीएम मनमोहन सिंह के खिलाफ एक भी अपमानजनक शब्द का प्रयोग नहीं हुआ। उनकी कहानी में विवाद को सुलझाने के लिए भारत, पाकिस्तान और अमेरिका को संदर्भित किया गया। दत्त ने कहा कि मुझे काफी झटका लगा जब मुझे बताया गया कि हामिद मीर ने जियो टेलीविजन को दिए फोनो रिपोर्ट में कुछ और कहा। आमतौर पर, अनौपचारिक और ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत को रिपोर्ट में नहीं कहा जाता। बरखा का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि ऐसी रिपोर्टिंग हुई है, जिसकी वह स्वयं गवाह रही हैं, तब उन्होंने फैसला किया कि वह सारी बातें साफ करेगी। हामिद मीर, जिन्होंने इस पूरी विवादास्पद खबर को दिया था, ने अब ट्वीट कर कहा है कि शरीफ ने मनमोहन सिंह के खिलाफ कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा था। बरखा का मानना है कि इस पूरी घटना पर विवाद अब थम जाना चाहिए। (एनडीटीवी)