Samar Anarya : जी हाँ, मैं इजिप्ट में इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ़ हूँ, तुर्की में खिलाफ़ हूँ, मोरक्को में खिलाफ़ हूँ, अल्जीरिया में खिलाफ़ हूँ, फिलिस्तीन में खिलाफ़ हूँ , सीरिया में खिलाफ़ हूँ. मैं हर उस जगह भी इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ हूं जिनका नाम आप लेना भूल गए हैं जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान. पर साहब यह मेरी दिक्कत नहीं है कि आप को इस्लाम और इस्लामिक कट्टरपंथियों में फर्क करने की सलाहियत नहीं आई. इन सारे मुल्कों की अवाम, इस्लामिक अवाम, भी इन कट्टरपंथियों के खिलाफ है. बाकी अगर आपका इस्लाम अब्दुल कादिर मुल्ला और सय्यद क़ुतुब तक जाकर ही खड़ा हो जाता है तो मुझे आपसे हमदर्दी भी जरुर है.
ज़रा कोई बांग्लादेशी अखबार पढ़ लीजियेगा, जिस बीबीसी का लिंक आपने दिया है उसी की तस्वीरों में मीरपुर के कसाईं के लिए मौत मांगती आखों में आग और हाथों में मशाल लिए सड़कों पर उतर आयी लाखों बांग्लादेशी औरतों को देख लिया होता. खैर, वह आपकी मर्जी, मेरे बारे में कोई मुगालता न पालिए. मुझे किसी धर्म से नफरत नहीं है (मुहब्बत भी नहीं है वैसे) और दुनिया के सारे धर्मान्धों से नफरत है. बला की हद तक.. बाकी मैं फिर भी फांसी की सजा के खिलाफ हूँ. फांसी तो किसी को नहीं होनी चाहिए, न अब्दुल कादिर मुल्ला को न माया कोडनानी को. सबसे बर्बर अपराधियों के सामने भी इंसान बने रहने से बड़ी हार आप उन्हें नहीं दे सकते.
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारवादी अविनाश पांडेय 'समर' उर्फ समर अनार्य के फेसबुक वाल से