Anil Sinha : मोदी ने सिर्फ जशोदाबेन के साथ अन्याय नहीं किया है। उन्होंने आरएसएस को भी धोखे में रखा और अविवाहित बता कर प्रचारक बन गए। आरएसएस का दोहरापन देखिये कि इस जानकारी के आम होने के बाद भी मोदी की इस हरकत की निंदा नहीं कर रहा है।
संस्कृति और परम्परा के तथाकथित वाहक संगठन को यह भी मालूम होना चाहिए कि गृहस्थ जीवन से बाहर निकलने के लिए उन्हें माँ और पत्नी की अनुमति लेनी चाहिए थी। उन्होंने उस धर्म के साथ भी द्रोह किया है जिसका झंडा लेकर मोदी और आरएसएस देश को बाँटते हैं।
माँ, पत्नी पिता, भाई, सगा या सखा-स्नेह का कोई छोटा सा भी धागा जिस व्यक्ति के पास नहीं उसके मानस और व्यक्तित्व पर चर्चा जरुरी है मित्रो! ऐसे सूखे ह्रदय वाले की जरुरत कॉर्पोरेट जगत को भले ही होगी, भारत के आम लोगों को नहीं! वे जशोदाबेन के अकेलेपन और दुखों का हिसाब तो मांगेगे ही।
ईटीवी बिहार-झारखंड में कार्यरत पत्रकार अनिल सिन्हा के फेसबुक वॉल से.