हिन्दुस्तान आज कल तीन नामों की मजबूरी सा बन गया दिखता है ! इन तीनों नामों में ही लोग अपना भविष्य तलाश रहे हैं! सारी हिन्दुस्तानी रामकहानी इन तीनों नाम के, क्लाइमेक्स के साथ ही ख़त्म होती दिख रही है ! मानों सारे हिन्दुस्तान की तस्वीर, इन तीनों के ज़रिये ही नुमायाँ होती हो ! कुछ मायनों में ये इंडियन विकीपेडिया बन गए हैं, जहां हसरत से भरी खोज पुरी होती है ! मगर मामला सच के बहुत क़रीब नहीं है, जितना दिख रहा है या जितनी कोशिश इसे सच का आइना बनाने की, की जा रही है !
नरेंद्र मोदी नाम का कोष, सबको आमंत्रित करता है ! ख्व़ाब को हकीकत में बदलने के लिए ! धारा 370 हो या कॉमन सिविल कोड या फिर राम मंदिर के साथ-साथ रामराज्य का वादा ! सबको लग रहा है मोदी आयेंगें और ये सब सच होगा ! गुजरात के दंगों के बाद अपार लोकप्रियता हासिल कर चुके भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार, नरेन्द्र मोदी युवा वर्ग को रिझा रहे हैं ! बड़ी आसानी से कांग्रेस की कमजोरी को, अपनी उपलब्धि बताने वाले मोदी ये बखूबी जानते हैं कि कोई नहीं पूछेगा कि किसी की नाकामी, किसी और की पीठ थपथपाने के लिए क्यों काफी है ? गुजरात में विकास की धारा बहाने वाले मोदी, भारतवर्ष की युवा पीढी को, फिलहाल, ये समझाने में कामयाब दिखते हैं कि…..उन की अगुवाई में हिन्दुस्तान गुजरात जैसा समृद्ध बन जाएगा ! पेट्रोल 40 रुपया लीटर बिकेगा और प्याज 5 रुपये किलो !
40% गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली आबादी, निम्न माध्यम वर्ग में ज़रूर आ जायेगी ! आतंकवाद हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा हो जाएगा और हर आदमी, भर पेट खाने के बाद तसल्ली से चैन की नींद सोयेगा ! नरेंद्र मोदी की खासियत है कि वो सपने बुनने में भरपूर मदद करते हैं,…मगर….ये सपने साकार कैसे होंगें, इस बात का ज़िक्र नहीं करते ! गुजरात दंगों के अलावा, राष्ट्रीय स्तर पर, कोई अन्य उपलब्धि न होने के बावजूद मोदी परेशान नहीं होते….., क्योंकि, वो जानते हैं कि हिन्दुस्तान में भावुकता को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का कांग्रेसी तरीका बेमिसाल है ! कट्टर हिंदूवादी नेता के तौर पर मोदी, कट्टर बन चुके युवाओं की पहली पसंद हैं और चुनावों तक बने रहेंगें ! मोदी जानते हैं कि गर वो अपने वायदे पूरे नहीं कर पाए तो भी जनता, उन्हें, कांग्रेस की तरह सर आँखों पर सालों-साल बिठाए रखेगी ! हिन्दुस्तान में राजनीतिक बदलाव का मतलब, पार्टी या व्यक्ति बदल जाना मात्र होता है ! विकास से इसका कोई ख़ास लेना-देना नहीं ! गर ऐसा होता तो कांग्रेस, तमाम नाकामियों के बावजूद, सत्ता में लगातार कैसे बनी रहती ?
अब बात मुकेश अम्बानी की ! करीब 5000 करोड़ के घर में रहने वाला ये शख्स निर्भीक है ! इस बेहद अमीर इंसान को मालूम है कि, बेहद कम वक़्त में अमीर कैसे बना जाता है ! फ़ोर्ब्स पत्रिका की सूची में पांचवें-छठवें स्थान पर अक्सर रहने वाले मुकेश अम्बानी के बारे में कहा जाता है कि ये महाशय हिन्दुस्तान चलाते हैं ! सरकार किसी भी पार्टी की हो, पर नीतियाँ बनाते वक़्त मंत्री लोग, मुकेश भाई के "खौफ़" से वाकिफ होते हैं ! हिन्दुस्तान की ज़मी पर इनकी मुखालफ़त करने वाला कोई नहीं….मीडिया ने गर कभी आवाज़ उठाई, तो नतीज़ा ये रहा कि हिन्दुस्तान के बड़े मीडिया हाउस में शेयर ले लिया ! हर बड़े राजनीतिक दल को मुकेश अम्बानी नाम के इस शख्स द्वारा "दक्षिणा" दिए जाने का लालच बना रहता है ! यानी आर्थिक मामलों के ये हिन्दुस्तानी विकीपीडिया हैं !
और आखिर में बात मीडिया की ! "टी.आर.पी. के लिए कुछ भी करेगा" ये अनौफ़िशियल टैग लाइन है…कमोबेश हर न्यूज़ चैनल की ! आसाराम बापू की सेक्स पावर और मोदी का कट्टर हिंदुत्व ही मीडिया की अहम् ख़बरें हैं ! दर्शक भी न्यूज़ चैनल नाम के इस विकीपीडिया के ज़रिये, इसी तरह के ज्ञान को पाकर धन्य हो रहा है ! गरीबी, राजनीतिक नाकामी, भ्रष्टाचार , बेरोजगारी जैसे मुद्दे, एलियन की तरह ही नज़र आते हैं ! तर्क ये है कि, ये मुद्दे आम आदमी से सरोकार तो रखते हैं पर आम आदमी को इन ख़बरों से सरोकार नहीं ! आज-कल मीडिया बड़े लोग चलाते हैं, लिहाजा बड़े आदमियों की मानसिकता समझना ज़्यादा मुश्किल नहीं ! चलते चलते एक सवाल, आम हिन्दुस्तानी के ज़ेहन में छोड़ देना उचित होगा कि…आप लोग, जिन्हें अपनी उम्मीद का विकीपेडिया मान बैठे हो …वो लोग, हिन्दुस्तान को सपने दिखा कर ज़मीन से चार फूट उंचा हवा में टांग रखे हैं या फिर,… कस्मे वादे प्यार वफ़ा है- वादे हैं वादों का क्या ! ज़रा सोचना !
नीरज के ब्लाग 'लीक से हटकर' से साभार. संपर्क: [email protected]