पत्रकारों पर बढ़ते हमले और उनके उत्पीड़न पर एक बार फिर जनसत्ता ने मोर्चा खोला है। आम तौर पर जिले में काम कर रहे छोटे पत्रकारों का जब उत्पीड़न होता है तो उनके संस्थान ही उनसे पल्ला झाड़ लेते हैं। वह जिस अखबार में काम कर के लोगों की समस्याओं को उजागर करते हैं वही अखबार उनसे उस समय किनारा कर लेते हैं जब उनका उत्पीड़न होता है। मगर जनसत्ता हमेशा ऐसे पत्रकारों की आवाज आम तौर पर उठाता रहता है।
इस बार भी ऐसा ही हुआ जब यू.पी. के जालौन जिले में एक दर्जन पत्रकारों पर एक बलात्कारी की शह पर एफआईआर दर्ज हुई तो उनके उत्पीड़न एवं भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह की फर्जी आरापों में गिरफ्तारी को लेकर आज जनसत्ता में छपी अवनीश कुमार की रिपोर्ट पर खासी खलबली मच गयी है। नीचे जनसत्ता में प्रकाशित खबर। खबर को पढ़ने के लिए अखबार की कटिंग पर क्लिक करें।
इसे भी पढ़ें…