Dilnawaz Pasha : उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में समाजवादी पार्टी के एक विधायक के बेटे ने नशे में धुत्त होकर एक अधिवक्ता की बेरहमी से पिटाई की। इस वारदात में उसके कई गुर्गे भी शामिल थे। लखनऊ हाईकोर्ट का यह 29 वर्षीय वकील एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंचा। मामला विधायक के बेटे के खिलाफ था इसलिए सिर्फ शिकायत में बदल कर वकील को वापस घर भेज दिया गया।
रात करीब 10.30 बजे फेसबुक के जरिए ही मुझे इस घटना के बारे में पता चला। तुरंत हजरतगंज के एसएचओ को फोन करके जानकारी मांगी। बेचारा एसएचओ एक-एक शब्द सोच कर बोल रहा था…ऐसा लग रहा था जैसा उससे स्पष्ट कहा गया हो कि घटना में विधायक के बेटे का नाम किसी भी सूरत में नहीं आए। करीब दस मिनट की बातचीत में कई बार मैंने एफआईआर, पीड़ित के मेडिकल, घटना के आरोपी के बारे में जानना चाहा…बेचारा एसएचओ घटना तक के बारे में भी नहीं बता पाया…सिर्फ इतना ही कह सका कि घटना की जांच चल रही है…कल ही कुछ कह पाएंगे…
हां उसने यह जरूर कहा कि पिटने वाला वकील एक नेक दिल इंसान था और और उसके थाने पहुंचते ही पहले उसे थाने में पानी पिलवाया गया। मतलब थाने में पानी पिलवाना इतनी बड़ी बात हो गई कि इसका उल्लेख तो कई बार किया लेकिन एक बार भी यह कहने की हिम्मत नहीं की कि आरोपी चाहे जो भी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसएचओ ने यह भी कहा कि पीड़ित वकील के पिता भी रिटायर्ड जज हैं। इस घटना के बाद में यही सोच रहा हूं कि यदि उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट का एक वकील, जिसके पिता जज रहे हों, पिटने के बाद अपनी खुद की एफआईआर दर्ज नहीं करा सकता तो एक गरीब मजलूम अपनी आवाज इस व्यवस्था में कैसे उठाएगा…
व्यवस्था पर गुस्सा करो….फिर उस गुस्से को पियो….और जियो…
दैनिक भास्कर के पत्रकार Dilnawaz Pasha के फेसबुक वॉल से साभार. कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा फेसबुक व ट्विटर पर शेयर करें ताकि इस घटना की आवाज नए नवेले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंच सके.