Deepak Sharma : ये बलात्कारी सेकुलर है या कम्युनल? दाहिने तरफ खड़े लोग अब तेजपाल को सूली पर चढ़ाना चाहते हैं क्यूंकि कुछ साल पहले उन्होंने बीजेपी के प्रमुख बंगारू लक्ष्मण का रिश्वत लेते स्टिंग आपरेशन किया था. इस घटना से बीजेपी को बेहद शर्मिंदगी हुई थी. बाएँ तरफ खड़े लोग तेजपाल के गुनाह पर पानी नही फेर सकते क्यूंकि मामला एक महिला के घोर उत्पीड़न का है. इसलये वो स्केंडल की जगह तेजपाल की सेकुलर पत्रकारिता की याद दिला रहे हैं.
पाकिस्तान की मीडिया दो कदम आगे है. सरहद पार तेजपाल की तुलना एक ऐसे व्हीसल ब्लोअर से की जा रही है जिसे सच बोलने की सज़ा में बीजेपी की सरकार ने फंसा दिया है. मार्क्सवादी विचारधारा के बुद्धिजीवी और पत्रकारों का कहना है की बेहतर हो जांच सीबीआई से कराई जाए क्यूंकि गोवा के मुख्यमंत्री मोदी के मोहरे है…और मोदी अब तेजपाल से पुँराना हिसाब बराबर करना चाहते हैं.
उधर बीजेपी का हाल ये है की उनके एक नेता ने तेजपाल तो तेजपाल उनकी सहयोगी शोमा चौधरी को भी गिरफ्तार करने की मांग कर दी है. मांग ही नही की शोमा के घर पर वो कालिख भी पोत आये. इस बीच तेजपाल के बदते साम्राज्य से विचलित कुछ अखबार मालिक तहलका को मिले विज्ञापन/कारपोरेट लाभ का लेखा जोखा छाप रहे हैं. उनका आरोप हे कि तेजपाल ने ब्लेकमेल करके अपने साम्राज्य का विस्तार किया.
मित्रों सच ये है कि इस मामले में संतुलित कोई नही है. सच यही है कि खबर तेजपाल के हाथों किसी की बेटी की अस्मत लूटना नही रही. अब खबर देश की दो प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रति तेजपाल की निष्ठां या नफरत के सांचे में ढली है. जो तेजपाल को फांसी पर चढ़ाना चाहते हैं उनकी रगों में इंतकाम का लहू दौड़ रहा है . जो तेजपाल के गुनाहों पर पर्दा डालना चाहते हैं वो सेकुलरिज्म की दुहाई दे रहे हैं भले ही वो अपनी हर धडकन से कम्युनल हों.
दोस्तों हर घटना को सियासी चश्मों से ना देखा जाए….वरना बलात्कारी भी इस देश में सेकुलर या कम्युनल कहलाएंगे. वक्त आ गया हम अपने ख्यालात बदलें.
फूल तो फूल..कांटो से भी खुशबू जागे
तुम अपने ख्यालात बदल कर तो देखो
आजतक न्यूज चैनल से जुड़े पत्रकार दीपक शर्मा के फेसबुक वॉल से.