Dhiraj Kulshreshtha : राजस्थान में जनसम्पर्क विभाग का असल में समस्त सम्पर्क ही खत्म हो चुका है…आम जन तो वहां पहुंच ही नहीं सकता…पत्रकारों को भी वहां पहुंचने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलना पडता है…निदेशक सहित बडे अफसर सीट से गायब मिलते हैं…और बचा हुआ कचरा खुद को लाटसाहब समझता है…पता चलता है विभाग को एक अकाउन्टेन्ट चला रही है…और विभाग के लिए सारा मीडिया ठेंगे पर……सिर्फ दो अखबार पत्रिका, भास्कर…और सिर्फ दो एजेन्सियां….ये मेरा दर्द नहीं है….मेरा तो कोई काम ही नहीं पडता…पर हमारी जमात के लोग….बेचारे रो भी नहीं पा रहे.
वरिष्ठ पत्रकार धीरज कुलश्रेष्ठ के फेसबुक वॉल से.