मथुरा-वृंदावन : वत्स, बिहारी का धाम गैरकानूनी कार्यों के लिये खूब प्रसिद्ध हो चुका है। उसमें कथित पत्रकारों का बडा हाथ है। इसी तीर्थ में एक ऐजेंट कम पत्रकार हुआ करता था। उसकी बिगडैल औलाद की शराबखोरी, अय्यासी, तस्करी के कारनामे यूं बहुत पुराने हैं, हौसला इतना कि एक दिन वह कुख्यात कई हमसफरों को लेकर कोतवाली से चंद कदमों की दूरी और रंग जी, कात्यायनी मंदिर के सामने मैदान में जा पहुंचा। मोमबत्ती रोशन की और पैग-दर-पैर चढाता रहा।
हालांकि उसका पिता भी एक जमाने में इस कदर शराबखोरी करता था कि नालियों में गिरना आम बात थी, लेकिन इस दौर में बेटे की करतूत इसलिये गंभीर रही कि अब वृंदावन में शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा है। इस जश्न की सूचना को हुई तो खाकी ने तीनों को धर लिया। वत्स क्यों कि भांग कूएं में पडी है, इसलिये कुछ हुआ नहीं। पत्रकार विरादरी ने उन्हें छुडवा दिया। तुर्रा ये कि किसी ने भगवान के धाम में प्रतिबंधित कार्य करने की खबर नहीं छापी। जिस अखबार ने बिगडैल के पिता को निकाला, उसमें भी खबर नहीं छपी। नारद बोले वत्स, उस नंबरी अखबार में पिता की चांदी की चबन्नी आज भी रूपये में चलती है।
मृत्युलोक से औपमन्यव की रिपोर्ट.