देवरिया। शहीद डीएसपी जियाऊल हक के परिवारवालों के बीच सरकार द्वारा दिए जा रहे सरकारी एवं अन्य अहेतुक धनराशि की आपसी बंटवारे को लेकर अर्न्तकलह शुरू हो गया है। एक तरफ जहां पत्नी परवीन आजाद सम्पूर्ण धनराशि पर अपना हक जता रहीं हैं वहीं दूसरी तरफ शहीद के पिता शमशुल हक का कहना है कि जियाऊल उनका बेटा था, इसलिए बराबर का हिस्सा उनको भी मिलना चाहिए।
हांलाकि इस सम्बन्ध में किसी ने भी कोई शिकायत किसी अधिकारी के यहां नहीं की है। इसके पूर्व भी परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी दिए जाने के बाबत भी जिलाधिकारी देवरिया के यहां शहीद के पिता ने बहू पर मनमानी करने का आरोप लगाए था।
ज्ञातव्य है कि प्रतापगढ़ जिले के कुण्डा के तत्कालीन डीएसपी जियाऊल हक की मौत के बाद शहीद की पत्नी एवं शहीद के पिता को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अलग-अलग पच्चीस-पच्चीस लाख रुपए की आर्थिक सहायता तात्कालिक रूप से दी थी। इसके अतिरिक्त बहराईच जिले से भी वहां की जिलाधिकारी की तरफ से राज्य सरकार के कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन मदद के रूप में शहीद की विधवा को अपर जिलाधिकारी नेबू लाल के माध्यम से भिजवा दिया था।
बताया जाता है कि कई अन्य राजनीतिक दल के लोगों ने भी शहीद की विधवा का सहायता के रूप में नकद राशि गोपनीय तरीके से उपलब्ध कराई है। जिसके बंटवारे को लेकर परिवार में विरोध के स्वर उभरने शुरू हो गए हैं। लेकिन परिवार के सदस्य इस सम्बन्ध में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
शायद इन्हीं कारणों से काफी दुःखी नजर आ रहे शहीद के भाई शोहराब ने भी पहले किसी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया लेकिन बाद में कहा कि यह परिवार का अत्यन्त निजी मामला है। इसमें मीडिया के लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।