इन दिनों इन्डियन एक्सप्रेस और जनरल वीके सिंह दोनों सुर्खियों में हैं. पिछले 18 महीने में इन्डियन एक्सप्रेस में दूसरी बार अपने खिलाफ खबर छपने से वीके सिंह बहुत गुस्से मे हैं. रिटायर्ड जनरल ने खुद के बारे में नकारात्मक रिपोर्ट को दुर्भावना से प्रेरित बताया है. उन्होंने अपने ट्विटर एकाउन्ट पर इन्डियन एक्सप्रेस के सम्पादक के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है.
इस कड़ी में वीके सिंह ने शेखर गुप्ता की पत्नी पर भी आरोप लगा दिये हैं. 23 सितम्बर को किये ट्वीट में सिंह ने कहा है कि जिनके पास 55 करोड़ का घर हो उन पर विश्वास किया जा सकता है कि वो यूपीए की कठपुतली हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि वे इन्डियन एक्सप्रेस का उपयोग लोगों को बदनाम करने के लिए कर रहे हैं.
एक दूसरे ट्वीट मे उन्होंने कहा है कि गुप्ता और उनकी पत्नी नीलम जाली ने 2002 मे ग्रीनपाइन एग्रो शुरू की थी. कई सालों तक कोई एकाउन्ट फाइल नहीं किया गया. उन्होंने गुप्ता के इनकम टैक्स रिटर्न पर भी सवाल उठाये हैं.
टाइम्स नाऊ चैनल के सम्पादक अर्नब गोस्वामी को दिये इन्टरव्यू में सिंह ने कहा है कि इस अखबार ने पहले मुझे दिल्ली की सरकार गिराने का प्रयास करने का दोषी बताया और अब यह मुझे जम्मू कश्मीर की सरकार गिराने की कोशिश करने वाला कह रहा है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि ये एक ऐसा न्यूजपेपर है जिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता. एक अखबार जो दो सैन्य टुकड़ियों की सामान्य गतिविधियों को तख्तापलट की कोशिश कहता हो, मैं समझता हूँ कि ऐसे अखबार को रद्दी की टोकरी मे फेंक देना चाहिए.
सोशल मीडिया पर इन खबरों की वजह से अखबार की प्रतिष्ठा पर खतरे को भापते हुये इंडियन एक्सप्रेस के आनन्द गोयनका भी बहस में उतर गये हैं. उन्होंने जनरल के खिलाफ लिखा है कि आप निहित स्वार्थों के तहत आरोप लगा सकते हैं लेकिन हमारा इतिहास दिखाता है कि हम वो इश्यू उठाते हैं जिन्हें उठाने का कोई साहस नहीं करता. जहाँ मेनस्ट्रीम मीडिया इस ट्विटर वार पर चुप्पी साधे हुए है और इस पर कोई खबर नहीं दे रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर इस लड़ाई की चर्चा जोर शोर से चल रही है. सिंह के समर्थक औऱ विरोधी, दोनों खबर और ट्वीट को आधार बनाकर इसे फैला रहे हैं.
विवेक सिंह की रिपोर्ट.