शोभना भरतिया आमतौर पर अपने अखबार के बारे में बयान कम ही देती हैं. बड़े से बड़ा इंटरनल मामला हो जाए, वो नहीं बोलतीं. वो तभी बोलती हैं जब उनकी अखबार कंपनी जमकर मुनाफा कमा ले. इस बार वो बोली हैं. इसलिए बोली हैं क्योंकि उनके हिंदुस्तान हिंदी अखबार ने इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों यानि अप्रैल, मई, और जून महीनों में पिछले वित्तीय वर्ष के इन्हीं तीन महीनों के मुकाबले 57 फीसदी ज्यादा मुनाफा कमाया है.
इन तीन महीनों का मुनाफा 30.3 करोड़ रुपये रहा. कंपनी की कमाई के उत्साहवर्धक नतीजों पर खुशी जाहिर करते हुए एचएमवीएल की चेयरपर्सन शोभना भरतिया ने कहा कि इस नए वित्तीय वर्ष का शानदार आगाज हुआ है और राजस्व में वृद्धि के साथ मुनाफे में भी काफी सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह परिणाम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाजार से विज्ञापन आय में बढ़ोतरी के साथ लागत घटाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों का नतीजा है. एक शानदार ब्रॉन्ड, बढ़ती हुई पाठक संख्या और मजबूत नतीजों के साथ हमें पूरा विश्वास है कि हम शेयरधारकों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. गौरतलब है कि एचएमवीएल एचटी मीडिया समूह की कंपनी है. हाल के आईआरएस के नतीजों के मुताबिक हिन्दुस्तान कुल पाठक संख्या के मामले में देश का दूसरा सबसे बड़ा अखबार बन गया है.
उधर, कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड (एचएमवीएल) के शुद्ध लाभ में वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ करीब 57 फीसदी बढ़कर 30.3 करोड़ रुपये रहा. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 19.3 करोड़ रुपये था.
समीक्षाधीन अवधि में कंपनी का कुल राजस्व 13 फीसदी बढ़कर 188.7 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में यह 166.5 करोड़ रुपये था. इस अवधि में कंपनी का विज्ञापन राजस्व 14 फीसदी बढ़कर 132.6 करोड़ रुपये पहुंच गया जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 116.6 करोड़ रुपये था.
समीक्षाधीन तिमाही में सर्कुलेशन से होने वाली आय में भी 12 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 37.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 42.1 करोड़ रुपये पहुंच गई है. वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की ब्याज और कर पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) 46 फीसदी की बढ़कर 48 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 33 करोड़ रुपये थी.