श्री श्याम रुद्र पाठक को तुगलक थाना से पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना और फिर वहां से तिहाड़ जेल ले जाया जा रहा है। गुस्से और विक्षोभ से मन आक्रोशित है। भाषायी गुलामी को हम कब तक सहन करते रहेंगे। हमारे और आपके लिए, सबके लिए, श्री श्याम रुद्र पाठक ने अपना जीवन दांव पर लगा दिया है। आईआईटी से एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद भी वह दूसरे आईआईटियन की तरह किसी मल्टीनेशनल्स कंपनी में काम न करके भारत की शोषणकारी नीतियों को बदलने के लिए संघर्षरत रहे। अनेक बार धरने दिए। अनशन किया।
उनके ही प्रयासों से आईआईटी में भारतीय भाषा में प्रवेश परीक्षा होने लगी। श्री पाठक गत 4 दिसम्बर 2012 से यानी 226 दिन से सर्वोच्च न्यायालय और देश के 17 उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में कार्यवाही की मांग को लेकर यूपीए की चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के निवास के सामने सत्याग्रह कर रहे हैं। कल शाम 6 बजे दिल्ली पुलिस ने 105/151 धारा लगाकर श्री पाठक को जबरन गिरफ्तार कर लिया। उन्हें तुगलक रोड स्थित थाना में रखा। पुलिस ने उनका एटीएम, मोबाइल आदि भी छीन लिया। श्री पाठक थाना में दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए भोजन भी ग्रहण नहीं कर रहे हैं।
संजीव सिन्हा के फेसबुक वॉल से.