कोलंबो : सरकार विरोधी रुख के लिए जानी जाने वाली श्रीलंका की एक वरिष्ठ संपादक ने मौत की धमकी मिलने के बाद परिवार सहित देश छोड़ दिया है। उनके घर पर हथियारबंद हमला होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्हें संदेह था कि कुछ संवेदनशील दस्तावेजों को खोजने की नीयत से उन पर हमला हो सकता है। फ्री मीडिया मूवमेंट (एफएमएम) ने कहा कि 'संडे लीडर' अखबार की सह संपादक मंडाना इस्माइल अबेविकरेमा कल 'किसी उत्तर अमेरिकी देश' की तरफ रवाना हो गईं और वह उन 80 पत्रकारों में शामिल हो गईं जिन्होंने 2005 में राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के सत्ता में आने के बाद विदेशों में शरण ले रखी है।
24 अगस्त की सुबह पांच बदमाश उनके घर में घुस आए और चाकू की नोक पर उन्हें बंधक बनाकर करीब तीन घंटे तक कोलंबो स्थित उनके घर की तलाशी ली। हालांकि एक बदमाश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। गौर करने की बात यह है कि सेना ने स्वीकार किया था कि पांच में से दो लोग सेना के थे जो सेना की नौकरी छोड़ चुके थे। हालांकि घटना में सुरक्षा बलों के शामिल होने से इंकार किया गया। एफएमएम ने कहा, ''उन्हें (अबेविकरेमा को) मौत की कई धमकियां मिल चुकी हैं और उन्होंने संदेह जताया है कि गिरोह मूल्यवान वस्तुओं के लिए नहीं बल्कि कुछ दस्तावेजों के लिए आया था।' (भाषा)