Jitendra Dixit : आखिरकार केसी त्यागी राज्यसभा के जरिए संसद पहुंच गए। १९८९ में जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे। जनता दल बिखर गया साथ में परिसीमन से उनके गाजियाबाद क्षेत्र का भूगोल भी बदल गया। तब से बहुत पापड़ बेले, पर कामयाबी हाथ नहीं लगी। सपा में गए। मुलायम ने एक बार मुजफ्फरनगर सीट से टिकट भी थमा दिया, पर वहां हरेंद्र मलिक आड़े आ गए। चुनाव भी नहीं लड़ पाए। इस तरह मुलायम का साथ छोड़ दिया।
बाद में जद यू का पल्ला पकड़ा। भाजपा-जद यू गठबंधन के चलते मेरठ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा, पर जनता ने नकार दिया। तब से संसद पहुंचने की जुगत में लगे रहे। इस तरह अरसे बाद जद यू के जरिए राज्यसभा पहुंचने में कामयाबी हासिल कर ली। चलो संसद पहुंचने की मुराद तो पूरी हुई। जाहिर है वह शरद यादव और नितीश कुमार के शुक्रगुजार होंगे, तो मेरठ के भाजपाई भी कम खुश नहीं। खासतौर पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल। आखिर उनकी सीट से त्यागी की दावेदारी का खतरा तो टला।
Pandit Pramod Shukla : महत्वपूर्ण बात ये है कि जद यू से संसद में पहुचने वाले त्यागीजी उत्तर प्रदेश के पहले सदस्य हैं…… जिस पार्टी के नेता नीतीश कुमार के बारे में बहुत सारे लोगों की राय है कि वे भावी प्रधानमंत्री की लाइन में हैं…..यदि ये अनुमान सही उतर गया तो जाहिर है की अगली सरकार में त्यागीजी किसी महत्वपूर्ण मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री भी हो सकते हैं… दूरदर्शिता शायद इसी को कहते हैं… देर आए, दुरुस्त आए…
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